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    हिमाचल में इस साल 45 बार फटा बादल, बाढ़ और भूस्खलन से चार NH सहित 662 सड़कें बंद; अब भी फंसे 3200 श्रद्धालु

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 06:00 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में इस साल बादल फटने की घटनाओं में वृद्धि हुई है जिससे भूस्खलन और बाढ़ से भारी तबाही हुई है। राज्य में कई सड़कें और राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हैं जिससे बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। मनाली और मंडी में भूस्खलन से नुकसान हुआ है। मणिमहेश यात्रा से लौट रहे श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालने का काम जारी है और उन्हें मुफ्त बस सेवा प्रदान की जा रही है।

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    हिमाचल में इस साल 45 बार फटा बादल। फोटो जागरण

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल में पिछले चार वर्षों में इस बार बादल फटने की अधिक घटनाएं हुई हैं। पहले 20 से 25 बादल फटने की घटनाएं होती थीं, लेकिन अभी तक 45 घटनाएं हो चुकी हैं। इसके कारण भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं हुईं जिससे राज्य में अलग-अलग जगहों पर भारी तबाही हुई है। प्रदेश में चार राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) सहित 662 सड़कें बाधित हैं।

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    मनाली का सोलंग गांव भूस्खलन की चपेट में आ गया है। मंडी के द्रंग की रोपा पंचायत में पावर ग्रिड के 400 केवी डबल फीडर के दो टावर गिर गए। इससे पंजाब तक बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है। पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग सात घंटे तक उरला के समीप मलबा आने से बाधित रहा।

    राष्ट्रीय राजमार्ग शिमला-रिकांगपिओ दूसरे दिन भी बहाल नहीं हो पाया। कालका-शिमला रेलमार्ग पर भूस्खलन होने से डाउन मिक्स ट्रेन को सनवारा में रोकना पड़ा। शिमला के विकासनगर में भूस्खलन से दो कारें दब गईं।

    भरमौर से श्रद्धालुओं की सुरक्षित वापसी जारी

    मणिमहेश यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की वापसी प्रक्रिया तेज हो गई है। तीन दिनों में 12 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को भरमौर से सुरक्षित निकाला गया है। वर्तमान में लगभग चार हजार श्रद्धालु सुरक्षित स्थानों पर आश्रय लिए हुए हैं, जिनमें से 800 श्रद्धालु रविवार सुबह चंबा के लिए रवाना हो चुके हैं।

    हड़सर से डल झील मार्ग पर अभी भी 400 लोग फंसे हुए हैं, जिनमें पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवान और स्थानीय लोग शामिल हैं। हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा श्रद्धालुओं को नूरपुर, पठानकोट और जम्मू के भद्रवाह तक निशुल्क बस सेवा दी जा रही है।

    मणिमहेश यात्रा के दौरान नौ से 31 अगस्त तक 16 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो चुकी है। एनडीआरएफ और स्थानीय रेस्क्यू दल कुगती रूट से शवों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं। भरमौर-चंबा राष्ट्रीय राजमार्ग को खोलने का काम जारी है।

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