शिक्षा के मंदिर में खूनी खेल... हिमाचल विश्वविद्यालय में SFI और ABVP कार्यकर्ताओं के बीच झड़प, 7 जख्मी
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में मंगलवार को दो छात्र संगठनों के बीच झड़प हो गई जिसमें कम से कम सात सदस्य घायल हो गए। एबीवीपी (ABVP) और एसएफआई (SFI) के सदस्यों के बीच बहस हाथापाई में बदल गई। घायलों को आईजीएमसी में भर्ती कराया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। वहीं विश्वविद्यालय के पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पीटीआई, शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में मंगलवार दो छात्र संगठनों के बीच झड़प हो गई। यह झड़प इतनी बढ़ गई कि हाथापाई में कम से कम सात सदस्य घायल हो गए। घटना को लेकर शिमला पुलिस ने बताया कि मंगलवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में दो छात्र संगठनों के बीच झड़प में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के कम से कम सात सदस्य घायल हो गए।
यह घटना सुबह करीब 10 बजे हुई जब ABVP और SFI के कई सदस्यों के बीच बहस हुई। देखते ही देखते यह झड़प हाथापाई में बदल गई। परिणामस्वरूप कई छात्र घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि झड़प ने हिंसक रूप ले लिया और छात्रों ने एक-दूसरे पर धारदार वस्तुओं से हमला किया। जिसमें सात छात्र घायल हो गए। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने बताया कि घायल छात्रों को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
क्या है मामला?
बताया जा रहा है कि एसएफआई के कार्यकर्ता ढाबे में नाश्ता कर रहे थे। इसकी दौरान वहां पर एबीवीपी कार्यकर्ता भी पहुंच गए। इसके बाद दोनों संगठनों में के कार्यकर्ताओं में किसी बात को लेकर विवाद शुरू हो गया। देखते ही देखते यह विवाद खूनी हिंसा में तब्दील हो गया। इस हिंसा में कई कार्यकर्ताओं को गंभीर चोटें आई है। एसएफआई का दावा है कि उनके एक कार्यकर्ता की स्थिति काफी गंभीर है। उसके उपचार के लिए आईसीयू में भर्ती किया गया है।
एसएफआई ने क्या लगाया आरोप?
एसएफआई के कैंपस अध्यक्ष अंकुश ने आरोप लगाया है कि एसएफआई के कार्यकर्ता पविंदर, अंकुश, आर्यन, संजय और जतिन एवम अन्य कार्यकर्ता प्रशासनिक ब्लॉक के नीचे ढाबे में बैठ कर नाश्ता कर रहे थे। उस दौरान एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने उन पर डंडे दराट और रोड से हमला किया। एबीवीपी के हमले से एसएफआई के कई कार्यकर्ताओं को गंभीर चोटें आई है और उन्हें उपचार के लिए आइजीएमसी ले जाया गया है।
उन्होंने कहा कि सोमवार रात को भी पुलिस द्वारा समझौता करवाने के बाद भी एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने तेजधार हथियार लेकर सांगटी इलाके में उनका पीछा किया। उन्होंने आरोप लगाया है कि एबीवीपी द्वारा विश्वविद्यालय में शैक्षणिक माहौल खराब किया जा रहा है। जब भी एबीवीपी छात्रहित की समस्याओं को लेकर आंदोलन करती हैं, तो फिर एबीवीपी कार्यकर्ता उनके आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश करते है।
क्या कहती है एबीवीपी?
एबीवीपी के विश्वविद्यालय इकाई के इकाई मंत्री आशीष शर्मा ने कहा कि तकरीब 10 से 15 दिनों से विश्वविद्यालय में एसएफआई के गुंडों द्वारा एबीवीपी की छात्रा कार्यकर्ताओं के ऊपर गलत टिप्पणियां कर रहे थे। इसके अलावा कार्यकर्ताओं के ऊपर गाली गलौच एवं धमकी दी जा रही थी। जिसके कारण विश्वविद्यालय में हुड़दंग एवं आतंक का माहौल बना हुआ था।
सुबह जब एबीवीपी कार्याकर्ता विश्वविद्यालय आ रहे थे, तब एसएफआई कार्यकर्ताओं ने उनके ऊपर तेजधार हथियारों से हमला किया। उन्होंने कहा कि एसएफआई शिक्षण संस्थानों में हिंसात्मक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है।
पुलिस ने विश्वविद्यालय में बढाई सुरक्षा
दोनों संगठनों के बीच हुई खूनी झड़प के बाद विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। यहां पर भारी संख्या में जवानों की तैनात की गई है। वहीं दोनों संगठनों के 11 छात्रों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। वहीं बालूगंज थाने में दोनों पक्षों की ओर से क्रास एफआईआर भी दर्ज करवाई है। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है।
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