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    Himachal CBSE Schools: हिमाचल में 86 स्कूलों का चयन, भवन और बच्चों की वर्दी का होगा अलग रंग, मैस का भी होगा प्रबंध

    By Rajesh SharmaEdited By: Rajesh Sharma
    Updated: Thu, 09 Oct 2025 02:57 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में CBSE ने 86 स्कूलों का चयन किया है। इन स्कूलों में शिक्षा के साथ-साथ बुनियादी ढांचे पर भी ध्यान दिया जाएगा। स्कूलों के भवन और बच्चों की वर्दी का रंग अलग होगा। छात्रों के लिए मैस की सुविधा भी उपलब्ध होगी, जिससे उन्हें पौष्टिक भोजन मिल सकेगा।

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    हिमाचल प्रदेश के 100 स्कूलों में सीबीएसई सिलेबस पढ़ाया जाएगा। प्रतीकात्मक फोटो

    जागरण टीम, शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वीरवार को शिक्षा विभाग की एक समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से प्रथम चरण में प्रदेश भर में 100 स्कूलों को सीबीएसई पाठ्यक्रम पर संचालित किया जाएगा। उन्होंने शिक्षा विभाग को इस संबंध में सभी तैयारियां समय सीमा के भीतर पूरी करने के निर्देश दिए।

    उन्होंने कहा कि सीबीएसई पैटर्न आधारित स्कूलों का अलग रंग होगा और यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों की अलग रंग की वर्दी होगी। इन स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं के साथ-साथ मैस का प्रबंध भी किया जाएगा और विद्यार्थियों को पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाएगा।

    शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि प्रदेश में सीबीएसई के मापदंड पूरा करने वाले अब तक 86 स्कूलों की पहचान की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को शेष स्कूलों में सीबीएसई के मापदंड जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।

    सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के प्रयास कर रही है और इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है। शिक्षा विभाग में खाली पड़े अध्यापकों के पदों को भरा जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के प्रयासों से हिमाचल प्रदेश गुणात्मक शिक्षा में 21वें स्थान से 5वें स्थान पर पहुंच गया है और राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ने वाले बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए निरन्तर प्रयास कर रही है।

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    डे-बोर्डिंग स्कूल की भी समीक्षा की

    मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल बनाने की समीक्षा भी की और अधिकारियों को इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में एक अच्छा कैम्पस तैयार होना चाहिए, जहां खेलकूद गतिविधियों के लिए भी पर्याप्त जगह हो। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल मील का पत्थर सिद्ध होंगे।

    जिला में स्टेट ऑफ आर्ट कॉलेज बनाने का भी प्रयास

    सुक्खू ने कहा कि हर जिला में स्टेट ऑफ आर्ट कॉलेज बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है, जहां विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा के साथ-साथ सभी प्रकार की गतिविधियां उपलब्ध होंगी, ताकि इनका सर्वांगीण विकास हो सके। बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, निदेशक उच्च शिक्षा अमरजीत शर्मा सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।