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    CBI ही करेगी विमल नेगी के सुसाइड केस की जांच, हिमाचल हाई कोर्ट का बड़ा आदेश

    Updated: Fri, 06 Jun 2025 09:45 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता विमल नेगी मौत मामले की जांच सीबीआई को जारी रखने का आदेश दिया है। अदालत ने संजीव गांधी की याचिका पर सरकार सीबीआई और किरण नेगी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि एसआईटी के विरुद्ध टिप्पणी से क्या संजीव गांधी का सेवाकाल प्रभावित होगा। हरिकेश मीणा को मिली अंतरिम राहत 16 जून तक बढ़ा दी गई है।

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    सीबीआई ही करेगी विमल नेगी के मामले में जांच

    विधि संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता विमल नेगी मौत मामले की जांच सीबीआई ही करेगी।

    मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने एकलपीठ के निर्णय के उस निष्कर्ष को बरकरार रखने के आदेश दिए, जिसमें विमल नेगी मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए गए थे।

    संजीव गांधी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि वह जांच सीबीआई को सौंपने के विरुद्ध नहीं हैं, लेकिन जिस आधार पर एकलपीठ ने निर्णय लिया है, वह उससे व्यथित हैं।

    हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस

    हाई कोर्ट ने संजीव गांधी द्वारा दायर अपील में सीमित मुद्दे पर राज्य सरकार, सीबीआई और विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी को नोटिस जारी किया है।

    कोर्ट ने प्रतिवादियों को जवाब दायर कर यह बताने को कहा है कि क्या अतिरिक्त मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक की रिपोर्टों के आधार पर एसपी शिमला की सदस्यता वाली एसआइटी के विरुद्ध की टिप्पणी से संजीव गांधी का सेवाकाल प्रभावित होगा।

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    विमल नेगी मौत मामले की जांच हाई कोर्ट की एकलपीठ ने सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए थे। गांधी ने निर्णय को चुनौती देने की बात कही थी। अगले दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा था कि सरकार निर्णय को चुनौती नहीं देगी।

    क्या है मामला?

    शिमला से 10 मार्च को लापता हुए विमल नेगी का शव 18 मार्च को बिलासपुर में गोबिंद सागर झील में मिला था। नेगी की पत्नी किरण नेगी ने ऊर्जा निगम के तत्कालीन एमडी हरिकेश मीणा व निदेशक देसराज समेत अन्य उच्च अधिकारियों पर पति को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। किरण की शिकायत पर न्यू शिमला पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज है। किरण की याचिका पर हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर यह मामला 23 मई को सीबीआई को सौंपा गया था।