हिमाचल: सड़कों पर हाइड्रोजन इंधन से दौड़ेगी बस, CM सुक्खू ने HRTC को दिए निर्देश; ई-बसों के बाद नए विकल्प पर काम
शिमला में हिमाचल प्रदेश सरकार हरित राज्य बनने की दिशा में काम कर रही है जिसके लिए सड़कों पर हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली बसें चलाने की योजना है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एचआरटीसी को ग्रीन हाइड्रोजन बसें शुरू करने की संभावना तलाशने के निर्देश दिए हैं। मार्च 2026 तक 297 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का लक्ष्य है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल की सड़कों पर भविष्य में हाइड्रोजन ईंधन से बसें दौड़ेगी। हरित राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही सरकार इस विकल्प पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एचआरटीसी अधिकारियों को निकट भविष्य में ग्रीन हाइड्रोजन बसें शुरू करने की व्यवहार्यता का पता लगाने के निर्देश दिए।
शुक्रवार को राज्य सचिवालय में निगम की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता के दौरान मुख्यमंत्री ने इसके निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने एचआरटीसी को हिमाचल के चुनौतीपूर्ण और पहाड़ी क्षेत्रों के मद्देनजर राज्य के लोगों के लिए परिवहन सेवाओं में विस्तार करने के निर्देश दिए हैं। अभी एचआरटीसी ई बसों का भी संचालन कर रहा है। ई बसों के फ्लीट को भी बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च- 2026 तक 297 टाइप-1 इलेक्ट्रिक-बसें संचालित की जाएंगी। इसके अलावा 30 टाइप-2 इलेक्ट्रिक-बसों की खरीद प्रक्रिया जारी है। यह कदम पर्यावरण संरक्षण और निगम को आत्मनिर्भर बनाने में मील पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मार्च-2026 तक प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है।
रियायती पास के लिए एकल बस पास प्रणाली
मुख्यमंत्री ने रियायती पास के लिए आवेदन करने के लिए एकल बस पास प्रणाली और वास्तविक समय बस निगरानी प्रणाली विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बेहतर कार्य और प्रभावी प्रबन्धन सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करने तथा एचआरटीसी मुख्यालय में ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने को कहा।
उन्होंने कहा कि जिला शिमला के ठियोग में एचआरटीसी कार्यशाला स्थापित की जाएगी। राज्य सरकार निगम को एक व्यवहार्य संस्थान बनाने के लिए हर तरह से सहयोग कर रही है।
यह रहे मौजूद
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी बैठक के दौरान बहुमूल्य सुझाव दिए और निगम के कर्मचारियों की भूमिका की सराहना की।
इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, सलाहकार अधोसंरचना अनिल कपिल, अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी नज़ीम, प्रधान सचिव देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक डॉ. निपुण जिंदल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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