Budget 2025: लोकसभा में पेश होने वाले बजट पर हिमाचल की निगाहें, केंद्र से रेल सहित 65 प्रोजेक्ट के मंजूर होने की आस
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो रहा है। 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री बजट पेश करेंगी। बजट से हिमाचल प्रदेश को बहुत उम्मीद है। केंद्र प्रायोजित योजनाओं में हिमाचल को अधिक बजट धनराशि प्राप्त होने की उम्मीद है। 65 केंद्रीय योजनाओं में करीब 5 हजार करोड़ रुपये का सालाना बजट मिलता है। चंडीगढ़ और बद्दी जोड़नावाली रेललाइन पर 1540.13 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
राज्य ब्यूरो शिमला। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो रहा है, सत्र के दूसरे दिन पहली फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेगी। गंभीर वित्तीय हालात के दौर से गुजर रहे हिमाचल प्रदेश को इस बजट में बड़ी उम्मीदें हैं। केंद्र प्रायोजित योजनाओं में हिमाचल को अधिक बजट धनराशि प्राप्त होने की आस है।
हिमाचल प्रदेश को इस समय 65 केंद्रीय योजनाओं में करीब 5 हजार करोड़ रुपये का सालाना बजट प्राप्त होता है और राज्य सरकार इस राशि को बढ़ाए जाने की उम्मीद में बैठी है। प्रदेश में विकास की गति और तेजी पकड़ पाएगी। केंद्रीय बजट में रेल विस्तार की संभावनाएं हर बार रहती है और प्री-बजट बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी जैसलमेर बैठक में प्रदेश की पैरवी करके आए हैं।
भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी और चंडीगढ़-बद्दी रेल परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण में हिस्सेदारी चाहती है सरकार
प्रदेश सरकार भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी और चंडीगढ़-बद्दी जैसी रेल परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण में कम से कम 50 फीसदी केंद्रीय हिस्सेदारी चाहती है। राज्य सरकार का तर्क है कि संयुक्त उद्यम की बजाए इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं का क्रियान्वयन केंद्र सरकार की तरफ से किया जाना चाहिए।
पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश चीन के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से सटा हुआ है, इसके दृष्टिगत इन परियोजनाओं के लिए वित्तीय हिस्से का भुगतान करने में केंद्र सरकार को पूरी तरह छूट दी जानी चाहिए। कांगड़ा एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए भी प्रदेश सरकार को अधिक मदद मिलने की आस है।
रेलवे को विकसित करने के प्रयास जारी हैं
प्रदेश में रेलवे नेटवर्क को विकसित करने के प्रयास जारी है, लेकिन यह गति धीमी है। इसमें भानुपल्ली को बिलासपुर से जोड़ने के लिए 6,753.42 करोड़ रुपये खर्च आएगा। मार्च, 2027 तक बिलासपुर को रेललाइन से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके अतिरिक्त चंडीगढ़ और बद्दी को जोड़ने वाली 31 किलोमीटर लंबी रेललाइन पर भी 1,540.13 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं तथा दिसंबर, 2025 तक यह कार्य पूरा किया जाना प्रस्तावित है।
प्रदेश सरकार की तरफ से इसके लिए करीब 275 करोड़ रुपये अपने हिस्से की राशि इस बार उपलब्ध करवाई गई है। प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को राज्य के आर्थिक संकट के चलते रेल परियोजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी चुकाने में असमर्थता जाहिर की थी।
राज्य सरकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत रज्जू मार्गों को सम्मिलित करने और पीएमजीएसवाई के तहत किए गए कार्यों के लिए 10 प्रतिशत स्टेट शेयर तथा 5 वर्षों के लिए रखरखाव लागत उपलब्ध करवाने का आग्रह कर रही है। इसी तरह जियोमैट्रिक इंजीनियरिंग, जियोसांइसिज, इन्वायरमेंट इंजीनियरिंग, आपदा आधारित तथा न्यू ऐज तकनीक आधारित पाठ्यक्रमों एवं तकनीकी, वोकेशनल एजुकेशन और अनुसंधान पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए प्रदेश में बहुुउद्देशीय संस्थानों सहित स्किल यूनिवर्सिटी स्थापित करने में मदद चाहती है।
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