Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Himachal Flood Update: किन्नौर में भूस्खलन से NH-5 बुरी तरह प्रभावित, सात घंटे तक फंसे रहे यात्री

    किन्नौर में राष्ट्रीय राजमार्ग-5 भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गया था जिससे यातायात बाधित हुआ। सीमा सड़क संगठन (BRO) ने तत्परता दिखाते हुए 7 घंटे के भीतर मार्ग को बहाल कर दिया। सांगला घाटी में बादल फटने से जलस्तर बढ़ा पर कोई नुकसान नहीं हुआ। प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है और सभी विभाग अलर्ट पर हैं।

    By narveda kaundal Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 03 Jul 2025 10:45 AM (IST)
    Hero Image
    किन्नौर में भूस्खलन से अवरुद्ध एनएच-5 को बीआरओ ने 7 घंटे में किया बहाल (जागरण फोटो)

    संवाद सहयोगी, जागरण, रिकांगपिओ। Shimla Flood update हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले की जीवनरेखा कहे जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर भूस्खलन और मलबा गिरने से यातायात कई घंटों तक प्रभावित रहा।

    नेसंग और पुरबनी झूला के पास हुए भूस्खलन (Himachal Landslide) के कारण रिकांगपिओ-शिमला और पूह-काजा मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गए, इससे सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सीमा सड़क संगठन की टीमों ने युद्धस्तर पर काम करते हुए 7 घंटे के भीतर मार्ग को यातायात के लिए बहाल कर दिया। नेसंग झूला के समीप मंगलवार रात करीब 12 बजे हुए भूस्खलन से अवरुद्ध हुए राष्ट्रीय राजमार्ग-5 को बीआरओ की टीम ने सुबह करीब साढ़े 6 बजे तक यातायात के लिए खोल दिया।

    इसी तरह, पुरबनी झूला के पास भी पहाड़ी से मलबा आने के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-5 सुबह पांच बजे से सुबह साढ़े नौ बजे तक अवरुद्ध रहा। इस दौरान एक ट्रक भी मलबे में फंस गया था।

    बीआरओ की टीम ने तत्परता दिखाते हुए चार घंटे के भीतर इस मार्ग को भी बहाल कर दिया। मार्ग अवरुद्ध होने से पूह-काजा और रिकांगपिओ-शिमला की ओर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप रही, इससे लोगों को खासी परेशानी हुई।

    सांगला घाटी में बादल फटने से बढ़ा जलस्तर 

    सांगला वैली के रकछम के सामने वाली पहाड़ी में बादल फटने से नाले में पानी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। हालांकि, इस घटना में किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है।

    वहीं जिला किन्नौर में मानसून ने दस्तक दे दी है। निचार खंड में बारिश का दौर शुरू हो गया है, हालांकि कल्पा और पूह खंड में अभी मानसून पूरी तरह से सक्रिय नहीं हुआ है। इसके बावजूद, तापमान में बढ़ोतरी और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण सतलुज नदी का जलस्तर उफान पर है।

    प्रशासन नदी-नालों से दूरी बनाने की अपील की 

    जिला प्रशासन ने लोगों और पर्यटकों से नदी-नालों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील की है। उपायुक्त डॉ. अमित कुमार शर्मा ने बताया कि मानसून सीजन को देखते हुए संबंधित विभागों को अलर्ट पर रखा गया है और वे किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

    मानसून में किन्नौर जिले की प्रमुख नदियों सतलुज, बसपा और स्पीति में जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के डेटाबेस और अन्य उपकरणों की मदद से जलस्तर की लगातार निगरानी की जा रही है।

    उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि जिला प्रशासन के साथ-साथ राष्ट्रीय राजमार्ग, लोक निर्माण विभाग और ग्रीफ जैसे अन्य विभाग मानसून के दौरान किसी भी आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार और मुस्तैद हैं। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम को भी उरनी में तैनात किया गया है।

    स्थानीय निवासियों और पर्यटकों, दोनों से नदी-नालों के करीब न जाने और आवाजाही के दौरान सावधानी बरतने की अपील की है। मंगलवार रात को नेसंग झूला और पूर्वानी झूला के पास अवरुद्ध हुए राष्ट्रीय उच्च मार्ग को बहाल कर दिया गया है।