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    शिमला में पूर्वजों की यादें तलाशने पहुंचा इंग्लैंड का 12 सदस्यीय दल, बोले- जो तस्वीरें देखीं; आज उन्हीं रास्तों पर

    By Narveda Kaundal Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Mon, 24 Nov 2025 06:40 PM (IST)

    शिमला में इंग्लैंड से 12 लोगों का समूह अपने पूर्वजों की यादों को खोजने आया। ये लोग उन परिवारों के वंशज हैं जो 19वीं-20वीं सदी में शिमला में तैनात थे। उन्होंने मॉल रोड, स्कैंडल प्वाइंट और रिज मैदान का दौरा किया, जहाँ उन्होंने क्राइस्ट चर्च जैसी ऐतिहासिक इमारतें देखीं। 

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    शिमला रिज पर पहुंचा इंगलैंड का 12 सदस्यीय दल। जागरण

    शिखा वर्मा, शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला सोमवार को एक अनोखी ऐतिहासिक यात्रा की गवाह बनी, जब इंग्लैंड से 12 सदस्यीय अंग्रेजों का एक पूरा ग्रुप अपने पूर्वजों की स्मृतियों को देखने के लिए शिमला पहुंचा। यह दल उन ब्रिटिश परिवारों का वंशज है, जिनके 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में शिमला में तैनात रहे थे।

    यह यात्रा एक साधारण पर्यटन यात्रा नहीं बल्कि इतिहास की परतों को छूती भावनात्मक खोज थी। ग्रुप के सदस्यों ने शिमला पहुंचते ही एक स्वर में कहा हमारे पुरखों की कहानियों ने हमें यहां तक खींचा है…, शिमला हमारे लिए सिर्फ एक शहर नहीं, यह हमारे परिवारों के इतिहास की धड़कन है।

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    विभिन्न विभागों में कार्यरत रहे इनके पूर्वज

    12 सदस्यीय दल हर सदस्य की अपनी एक कहानी ब्यां कर रहा है। यह पूरा ग्रुप अलग-अलग ब्रिटिश परिवारों का प्रतिनिधित्व करता है। इनमें एलेग्जेंडर फैमिली, हैरिसन फैमिली, विलियमसन फैमिली, डवर्ड ग्रांट फैमिली और रॉबर्टसन फैमिली वंशज शामिल हैं। इनके पूर्वज अंग्रेज शासनकाल में शिमला के विभिन्न विभागों रेलवे, फॉरेस्ट, पब्लिक वर्क्स, सैन्य प्रशासन व एस्टेट मैनेजमेंट में सेवाएं दे चुके थे।

    शिमला की जो तस्वीरें देखीं, आज हम उन्हीं रास्तों पर

    एडवर्ड एलेग्जेंडर ने भावुक होकर कहा “हमने अपने घरों में हमेशा शिमला की पुरानी तस्वीरें, पत्र और डायरी देखी हैं… आज वही रास्ते हम अपनी आंखों से देख रहे हैं।”

    मॉल रोड पर इतिहास के पदचिह्नों की खोज

    शिमला पहुंचने के बाद ग्रुप ने सीधे मॉल रोड का रुख किया।
    यह वही स्थान है, जहाँ लगभग 140-150 वर्ष पहले उनके पूर्वज अपने अवकाश के पल गुजारते थे। पश्चिमी पर्यटकों के इस पूरे दल ने इतिहास से जुड़ी हर इमारत को बारी-बारी से देखा क्राइस्ट चर्च, गेयटी थियेटर विक्टोरियन शैली की पुरानी बिल्डिंगें, पुराना पोस्ट आफिस, हेरिटेज दुकानों की श्रृंखला स्कैंडल प्वाइंट वही जगह, वही हवा और वही स्मृतियां हैं। 

    स्कैंडल प्वाइंट का किया दौरा

    ग्रुप ने इसके बाद स्कैंडल प्वाइंट का दौरा किया, जहां उन्हें पुरानी ब्रिटिश इमारतों, चौड़ी खुली जगह और हिमालय का नजारा देखकर गहरा भावनात्मक जुड़ाव महसूस हुआ। स्कैंडल प्वाइंट वह स्थान है जहां अंग्रेज़ अधिकारी शाम के समय टहलते थे और अपने परिवारों के साथ समय बिताते थे। एडवर्ड एलेग्जेंडर ने कहा “मेरे की डायरी में यहां का कई बार जिक्र है… आज मैं उसी जगह खड़ा हूं, यह एहसास शब्दों में नहीं बताया जा सकता।”

    रिज मैदान ब्रिटिश काल का धड़कता केंद्र

    ग्रुप ने रिज मैदान पर लगभग एक घंटे तक रुककर क्राइस्ट चर्च का अवलोकन किया। यह चर्च ब्रिटिशकालीन स्थापत्य की सबसे महत्वपूर्ण धरोहर माना जाता है। विलियमसन परिवार के सदस्य रॉबर्ट विलियमसन ने कहा “क्राइस्ट चर्च की यह इमारत हमारे फैमिली हॉल में लगी पुरानी फोटो जैसी ही दिखती है। हम इसे सिर्फ किताबों और तस्वीरों में देखते थे… आज असल में देखने का मौका मिला।” इसके बाद दल ने शिमला हेरिटेज वॉक का भी अनुभव लिया, जिसमें स्थानीय गाइड ने उन्हें ब्रिटिश काल की प्रशासनिक व्यवस्था, जीवनशैली और शिमला के विकास के बारे में विस्तार से बताया।

    अंग्रेज समूह ने दिया संदेश, शिमला जिंदा इतिहास

    ग्रुप की अंतिम संयुक्त टिप्पणी “शिमला सिर्फ एक शहर नहीं… एक ज़िंदा इतिहास है। हम वापस इंग्लैंड लौटकर अपने परिवारों को बताएंगे कि जो कहानियां हम बचपन से सुनते थे, वे सिर्फ किस्से नहीं… एक सच्चाई है।” यात्रा अभी दो दिन शिमला में जारी रहेगी, जिसमें वह अपने पूर्वजों के कई रिकॉर्ड और स्मृतियां देखने व महसूस करने जाएंगे।

    क्या कहते हैं जिला पर्यटन अधिकारी

    जिला शिमला पर्यटन अधिकारी जगदीश शर्मा ने कहा कि ब्रिटिशकाल से जुड़ी स्मृतियों का अधिकांश संग्रह राज्य संग्रहालय में रखा गया है। विदेश से आने वाले सैलानियों की शिमला विशेष पंसद है।