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    हिमाचल विधानसभा सेशन के बीच भाजपा-कांग्रेस का जोरदार हंगामा, सदन में जमकर हुआ प्रदर्शन; कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 03:17 PM (IST)

    धर्मशाला में विधानसभा के तीसरे दिन भाजपा और कांग्रेस ने अलग-अलग मुद्दों पर सदन के बाहर प्रदर्शन किया। भाजपा ने सुक्खू सरकार को कर्मचारी विरोधी बताते हुए नारेबाजी की और पूर्व कर्मचारियों के लाभों की मांग की। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरएसएस के खिलाफ टिप्पणी करने वाले मंत्री से माफी की मांग की। हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही बाधित हुई और सदन को स्थगित करना पड़ा।

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    जागरण संवाददाता, धर्मशाला। विधानसभा के तीसरे दिन सदन के बाहर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही प्रदर्शन किए। भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष कक्ष से हाथ में तख्तियां व बैनर लेकर विरोध जताया।

    कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को कर्मचारी विरोधी करार देते हुए जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पूर्व कर्मचारियों को ग्रेच्युटी शीघ्र जारी करने, पूर्व कर्मचारियों को समय पर पेंशन का भुगतान करने, पूर्व कर्मचारियों के चिकित्सा बिलों के भुगतान को लेकर हाथों में तख्तियां लेकर जमकर प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर व भाजपा दल के विधायक मौजूद रहे।

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    शुक्रवार को विधानसभा सत्र प्रश्नकाल के साथ शुरू हुआ। भाजपा विधायक जब सदन में पहुंचे तब तक विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू कर दिया था। इस बीच नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक सदन में पहुंचे। जयराम ठाकुर ने प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के तहत अपनी बात रखने को समय मांगा।

    सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कहा कि दो दिनों से प्रश्नकाल नहीं हो रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल जारी रखा। विपक्ष के सदस्य अपनी सीटों पर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। शोर शराबे के बीच सदन की कार्यवाही जारी है।

    विपक्ष के शोर शराबे के बीच प्रश्नकाल जरी रहा। इस बीच कई नेता नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। जोरदार नारेबाजी के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने 10 मिनट के लिए स्थगित भी किया।

    'RSS के खिलाफ बोलने वाले माफी मांगें'

    वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आरएसएस के खिलाफ राजस्व मंत्री का गलत शब्दों का प्रयोग निदंनीय है, आरएसएस के खिलाफ बोलने को लेकर मंत्री मांगें माफी।

    मुख्यमंत्री की न जाने क्या मजबूरी है की वह अपने इस मंत्री को टोक नही रह रहे है, आज सुबह भी सदन के बाहर विपक्ष के रोष प्रदर्शन के दोरान यही मंत्री अन्य विधायकों और मंत्रियों के साथ रोष प्रदर्शन को लेकर साथ ही डट गए ओर विपक्ष के प्रदर्शन में व्यवधान डालने की कोशिश की, ऐसे में कानून व्यवस्था खराब हो सकती थी, आरएसएस के खिलाफ बोले गए गलत शब्दों को रिकार्ड से हटाया जाए।