हिमाचल प्रदेश में सड़कों की मरम्मत के बाद होंगे पंचायत चुनाव, जिलाधिकारियों से मांगी गई रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश में निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि पंचायत चुनाव बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और स्थिति सामान्य होने के बाद ही कराए जाएंगे। वर्तमान में बाढ़ के कारण मतदान कर्मियों और मतदाताओं को आवागमन में परेशानी हो रही है। जिलाधिकारियों से बाढ़ की स्थिति और सड़कों की मरम्मत पर रिपोर्ट मांगी गई है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव भारी वर्षा और आपदा के कारण जर्जर व बंद सड़कों के बहाल होने व स्थितियां सामान्य होने पर ही होंगे। इस संबंध में मुख्य सचिव एवं अध्यक्ष राज्य कार्यकारी समिति आपदा प्रबंधन संजय गुप्ता ने वीरवार को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत आदेश जारी किए हैं।
हालांकि, इस निर्णय पर हिमाचल प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने सवाल उठाए हैं। हिमाचल में कुल 3577 पंचायतें हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त अनिल खाची ने ‘दैनिक जागरण’ को बताया कि चुनाव कराना राज्य निर्वाचन आयोग का कार्य है और निर्णय भी उसी का होगा। यदि कोई स्थिति है तो मांग की जा सकती है आयोग विचार करता।
खाची ने यह भी कहा कि अभी चुनाव का शेड्यूल जारी नहीं हुआ है और यदि चुनाव तीन माह बाद होने हैं, तो क्या तब तक सड़कें बहाल नहीं होंगी? उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 1995 से लेकर अब तक इसी समय में चुनाव होते आ रहे हैं, इसलिए हिमपात को लेकर कोई विशेष समस्या नहीं होनी चाहिए। मुख्य सचिव द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, पंचायत चुनाव दिसंबर और जनवरी में प्रस्तावित हैं, लेकिन शीतलहर के दौरान चुनाव कराना कठिन हो सकता है।
मंत्री ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह का कहना है कि चिट्ठी में चुनाव स्थगित करने की कोई बात नहीं लिखी है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने चिट्ठी निकाली है, जिस में सड़कों की स्थिति के बारे में कहा गया है। अभी भी कई स्थानों पर सड़कें बहाल नहीं हुई है। चुनावी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। चुनाव न तो स्थगित किए हैं न ही सरकार की ऐसी मंशा है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त अनिल खाची का कहना है कि भारी हिमपात की बात की गई है, जबकि 1995 से लेकर इसी समय चुनाव होते हैं। तीन माह पूर्व ही इस तरह के आदेश जारी करना समझ से परे है। चुनाव करवाना आयोग का काम है। बच्चे स्कूल जा रहे तो उनके अभिभावक भी मत डाल सकते हैं वहीं पर।
मुख्य सचिव संजय गुप्ता का कहना है कि प्रदेश के कुछ उपायुक्तों ने प्राकृतिक आपदा को देखते हुए पंचायत चुनाव अभी नहीं करवाने का अनुरोध किया था। इसी के मद्देनजर ग्रामीण सड़कों के पूरी तरह बहाल होने तक पंचायत चुनावों को स्थगित किया है।
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