Shimla Politics: हिमाचल में राज्यसभा चुनावों की जंग हुई रोचक, सिंघवी के सामने BJP ने हर्ष महाजन को मैदान में उतारा
Shimla Politics हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनावों की जंग और रोचक हो गई है। कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रदेश से राज्यसभा सीट के लिए नामांकन-पत्र दाखिला किया। वहीं भाजपा के प्रत्याशी हर्ष महाजन ने अपना नामांकन पक्ष दाखिल किया। राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की आखिरी तारीख 15 फरवरी थी। इनकी छंटनी 16 फरवरी को होगी।

जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल में इस बार राज्यसभा के चुनावों की जंग रोचक हो गई हैं। गुरुवार को कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रदेश से राज्यसभा सीट के लिए नामांकन-पत्र दाखिला किया। वहीं भाजपा के प्रत्याशी हर्ष महाजन ने अपना नामांकन पक्ष दाखिल किया। दोनों ही नेताओं के साथ उनकी पार्टी के बडे़ नेताओं के साथ विधायकों व सांसदों तक का कुनबा मौजूद रहा।
हर्ष महाजन ने दाखिल किया नामांकन पत्र
कांग्रेस प्रत्याशी के साथ मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस पार्टी इंचार्ज राजीव शुक्ला, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह उपस्थित थीं। छत्तीस गढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल, पूर्व विधायक आशा कुमारी सहित सभी मंत्री,कांग्रेस व तीन निर्दलीय विधायक कांग्रेस विधायकों के साथ इस अवसर पर मौजूद रहे।
इन्होंने लगभग 1.30 बजे नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। भाजपा के प्रत्याशी हर्ष महाजन ने हिमाचल से राज्यसभा के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया। सुबह 10 बजे वह विधानसभा पहुंचे। यहां पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के साथ बैठक की। इसके बाद 11:30 बजे उन्होंने विधानसभा सचिव के कार्यालय में जाकर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
राजीव बिंदल सहित भाजपा के अन्य विधायक रहे मौजूद
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल सहित भाजपा के अन्य विधायक मौजूद रहे। राज्यसभा के सदस्य डा. सिकंदर कुमार से लेकर लोकसभा सांसद सुरेश कश्यप से लेकर अन्य सभी नेता भी मौजूद रहे।
नामांकन के बाद महाजन ने कहा कि काग्रेस के सभी पीड़ित विधायक अपनी अंतरआत्मा को सुनते हुए मतदान करेंगे। लंबे समय से राजनीति में हूं, भाजपा में सम्मान मिला है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी सिंघवी ने कहा कि हिमाचल में मेरा पारिवारिक व कानूनी दोनों ही तरह से नाता है। मेरी बहु हिमाचल से हैं, हिमाचल के कई कानूनी केस विभिन्न अदालतों में लड़ चुका हूं।
यह है चुनावी कार्यक्रम
राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की आखिरी तारीख 15 फरवरी थी। इनकी छंटनी 16 फरवरी को होगी। नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 20 फरवरी, मतदान की तिथि मंगलवार 27 फरवरी और इसी दिन रिजल्ट आएंगे। विधानसभा परिसर में मतदान का समय सुबह 9 से शाम 4 बजे तक रहेगा। परिणाम देर शाम को घोषित होगा। यदि भाजपा प्रत्याशी नहीं देती तो चुनाव नहीं होगा। निर्विरोध उनका चयन हो जाएगा।
महाजन का राजनीतिक इतिहास
हर्ष महाजन (हिमाचल प्रदेश के पूर्व पशुपालन मंत्री) रहे हैं। ये पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री देस राज महाजन के बेटे हैं। उनका जन्म 12 दिसंबर 1955 को चंबा में हुआ था। उन्होंने बीकॉम है और एमबीए श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, नई दिल्ली और दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से पढ़ाई की। 7 जून 1983 को उनकी शादी उमा सिंह से हुई।
वह 1986 से 1995 तक प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। वह पहली बार नवंबर 1993 में और फिर 1998 और 2003 में राज्य विधानसभा के लिए चुने गए। वह 1994 से 1998 तक संसदीय सचिव रहे और पशुपालन मंत्री (कैबिनेट स्तर पर) के रूप 2003 से 2007 के बीच में वीरभद्र सिंह की सरकार में सेवाएं दी। 28 सितंबर 2022 को हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री हर्ष महाजन भाजपा में शामिल हो गए थे।
कौन हैं अभिषेक मनु सिंघवी
अभिषेक मनु सिंघवी कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। वर्तमान में वह पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सदस्य हैं। सिंघवी का जन्म 24 फरवरी 1959 को हुआ। अभिषेक मनु सिंघवी का जन्म जोधपुर, राजस्थान में कमला और लक्ष्मी मल सिंघवी के घर हुआ था। उनके पिता एक प्रख्यात वकील और ब्रिटेन में भारत के पूर्व उच्च आयुक्त थे। उन्होंने सेंट कोलम्बिया स्कूल, सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, ब्रिटेन और हार्वर्ड विश्वविद्यालय, संयुक्त राज्य अमेरिका में पढ़ाई की है। उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के सर विलियम वेड के तहत अपना पीएचडी पूरा किया है। उनके दो बेटें हैं।
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सिंघवी 37 साल की उम्र में 1997 में भारत के सबसे कम उम्र के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बने। वर्ष 2001 से कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। अप्रैल 2006 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए। अगस्त 2006- मई 2009 और अगस्त 2009- जुलाई 2011 तक सदस्य, कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय समिति के सदस्य रहे।
अगस्त 2006 से 2007 विभिन्न मंत्रालयों में सदस्य रहे। सितंबर 2006 से सितंबर 2010 सिंघवी विशेषाधिकार समिति के सदस्य रहे। जुलाई 2010 से विदेश मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य, जुलाई 2011 से कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय समिति, सामान्य प्रयोजन समिति के अध्यक्ष रहे।
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