हिमाचल में बारिश से सेब को मिल रही नमी, आकार के लिए लाभदायक; पत्तियों में फफूंद जनित रोग फैलने की संभावना
हिमाचल प्रदेश (Himachal News Hindi) में बारिश सेब की फसल के लिए फायदेमंद है पर फफूंद रोगों का खतरा भी बढ़ा है। विशेषज्ञ डॉ. भारद्वाज ने बताया कि नमी से फलों का आकार बढ़ेगा। अल्टरनेरिया रोग से बचाव के लिए कीटनाशकों का छिड़काव करें। बता दें कि फलों का आकार अखरोट जितना होने पर कैल्शियम और मैग्नीशियम का छिड़काव करें।

जागरण संवाददाता, शिमला। शिमला जिले में नियमित अंतराल के बाद हो रही वर्षा सेब के फलों के लिए लाभदायक बताई जा रही है, लेकिन इससे पत्तियों में फैलने वाले फफूंद जनित रोगों के फैलने की संभावना भी बढ़ गई है। ऐसे में बागबानी विशेषज्ञ ने बागबानों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
बागवानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज का कहना है कि जिले में लगभग हर दिन हो रही वर्षा से हवा में नमी 50 से 60 प्रतिशत तक है। यह सेब के फल के आकार के लिए काफी लाभदायक है। हवा में नमी से सेब के फल का आकार अच्छा बढ़ने की संभावना है।
उन्होंने बताया, जिन बगीचों में सेब की फसल कम भी है वहां आकार में बढ़ोतरी होने से काफी हद तक रिकवरी होने की संभावना है। हवा में नमी के कारण सेब की पत्तियों में फफूंद जनित रोगों के फैलने की संभावना ज्यादा रहती है।
पिछले वर्ष भी सेब के बगीचों में असामयिक पतझड़ और अल्टरनेरिया रोग देखा गया था। इस बार भी कई जगह यह समस्या आ रही है। इसके लिए बागबान रोको, डोडीन, स्कोर और एल्ट्राकाल जैसे कीटनाशकों का छिड़काव सतर्कता के तौर पर कर सकते हैं, ताकि पत्तियों में किसी प्रकार के रोगों के फैलने की संभावना कम हो सके। सेब में अल्टरनेरिया रोग एक फफूंद रोग है जो पत्तियों, टहनियों और फलों पर धब्बे या धब्बेदार धब्बे पैदा करता है।
पोषक तत्वों का भी करें छिड़काव
डॉ. एसपी भारद्वाज का कहना है कि बागबान इस समय बगीचों में पोषक तत्वों का छिड़काव कर सकते है। अगर फलों का आकार अखरोट के फल जितना हो गया है तो फिर कैल्शियम का छिड़काव किया जा सकता है, लेकिन कैल्शियम का छिड़काव स्वीकृत मात्रा का एक तिहाई करें। पूरी मात्रा का छिड़काव करने की आवश्यकता नहीं है। वहीं मैग्नीशियम और जिंक का छिड़काव भी कर सकते हैं।
अल्टरनेरिया रोग की पहचान आवश्यक
डॉ. भारद्वाज का कहना है कि सेब की पत्तियों में अल्टरनेरिया रोग की पहचान करना बहुत आवश्यक है। कई बार सिर्फ शारीरिक विकार या फिजियोलाजिकल डिसआर्डर को ही अल्टरनेरिया मान लेते हैं। अल्टरनेरिया के धब्बे गहरे भूरे रंग और गोलकार होते हैं। यह व्यक्ति की आंख जैसे प्रतीत होते हैं, जबकि शारीरिक विकार के धब्बे हल्के भूरे रंगे के होते हैं, ये गोलाकार नहीं होते।
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