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    Himachal Politics: 'वीरभद्र सिंह के साथ मेरे दादा रामलाल की भी लगे प्रतिमा...', कैबिनेट मंत्री रोहित ठाकुर की CM से मांग

    Updated: Sun, 03 Mar 2024 09:30 PM (IST)

    Himachal Politics हिमाचल प्रदेश में रिज मैदान पर एक और प्रतिमा लगाने का मामला तूल पकड़ गया है। सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री रोहित ठाकुर का कहना है कि मेरे दादा जी भी हिमाचल प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं। उनका राज्य के विकास में योगदान रहा है जिस तरह से दूसरे मुख्यमंत्रियों का रहा है। ठाकुर रामलाल हिमाचल प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं।

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    कैबिनेट मंत्री रोहित ठाकुर की CM से मांग (फाइल फोटो)

    प्रकाश भारद्वाज, शिमला। Himachal Political Crisis: रिज मैदान पर स्व. वीरभद्र सिंह की प्रतिमा लगाने के बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस अध्यक्षा प्रतिभा सिंह के बीच में सहमति बनी है।

    प्रतिमा स्थापित करने के विषय को लेकर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह मीडिया के सामने भावुक हो गए थे। लेकिन रिज मैदान पर एक और प्रतिमा लगाने का मामला तूल पकड़ गया है। ठाकुर रामलाल की प्रतिमा भी वीरभद्र सिंह की प्रतिमा के साथ लगनी चाहिए। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि रामलाल तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद को सुशोभित कर चुके हैं।

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    हिमाचल के तीन बार सीएम रहे हैं रोहित ठाकुर

    सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री रोहित ठाकुर का कहना है कि मेरे दादा जी भी हिमाचल प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं। उनका राज्य के विकास में योगदान रहा है, जिस तरह से दूसरे मुख्यमंत्रियों का रहा है। ऐसे में रिज मैदान पर प्रतिमा लगाने का मापदंड बराबर होना चाहिए। मेरे दादा ने पूरे जीवनकाल में कोई भी चुनाव नहीं हारा। इसलिए मैं मानता हूं कि रिज मैदान पर वीरभद्र सिंह की प्रतिमा लगती है तो मेरे दादा राम लाल की प्रतिमा भी स्थापित होनी चाहिए।

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    ठाकुर राम लाल की राजनीतिक यात्रा

    हिमाचल निर्माता डॉ. परमार के बाद राम लाल ने 28 जनवरी 1977 को मुख्यमंत्री पद संभाला। 30 अप्रैल 1977 तक वे मुख्यमंत्री पद पर रहे थे। उसके बाद 14 फरवरी 1980 को दूसरी बार मुख्यमंत्री बने और तीसरी बार 1982 में मुख्यमंत्री चुने गए और 7 अप्रैल 1983 तक पद पर रहे।

    राम लाल 1957, 1962, 1967, 1977, 1980 और 1982, 1990, 1993 व 1998 में शिमला जिला के जुब्बल-कोटखाई से विधानसभा के लिए चुने गए। वे आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के रुप में 15 अगस्त 1983 से 29 अगस्त 1984 तक पद पर रहे थे। उनका 6 जुलाई 2002 को शिमला में निधन हो गया।

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    राम लाल अजेय रहे

    राम लाल पूरे राजनीतिक जीवन में अजेय रहे हैं। विधानसभा के 9 चुनाव लड़े और सभी चुनाव जीते। इसके अतिरिक्त शांता कुमार, वीरभद्र सिंह, प्रेम कुमार धूमल विधानसभा का चुनाव हारे हैं।