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    घातक है हिमाचल के इन शहरों की आबोहवा, दमे व द‍िल के रोगी रहें सावधान

    By Munish DixitEdited By:
    Updated: Thu, 18 Oct 2018 06:57 PM (IST)

    प्राकृतिक नजारों और बेहतर आबोहवा के ल‍िए जाने जाते ह‍िमाचल में भी अब वायु प्रदूषण बढ़ने लगा है। यहां के कुछ शहरों में प्रदूषण का स्‍तर काफी अध‍िक बढ़ ...और पढ़ें

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    घातक है हिमाचल के इन शहरों की आबोहवा, दमे व द‍िल के रोगी रहें सावधान

    रविंद्र शर्मा, शिमला। हिमाचल प्रदेश का नाम सुनते ही सुंदर पहाड़ों और प्राकृतिक नजारों की तस्‍वीर सामने उभरती है। लेक‍िन आप यह जानकर हैरान होंगे क‍ि ह‍िमाचल की आबोहवा भी अब लोगों का दम घोटने लगी है। प्रदेश के सात शहरों की आबोहवा दमे के मरीजों के लिए घातक बन गई है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश के स‍िरमौर ज‍िले के कालाअंब व पांवटा, सोलन ज‍िले के बद्दी, परवाणू, नालागढ़, मंडी ज‍िले के सुंदरनगर तथा कांगड़ा ज‍िला के डमटाल की हवा में धूल के कण तय मानक से बढ गए हैं।

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    इस कारण लोगों को सांस लेने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है। दमे के मरीजों के लिए ऐसा वातावरण जानलेवा साबित हो सकता है। इतना ही इन शहरों में कई बार आबोहवा इस कदर प्रदूषित हो जाती है जो कि दिल के रोग का शिकार बन सकते हैं। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों की आबोहवा में ऐसी ऐसी कोई दिक्कत सामने नहीं आई है। इन सात शहरों में वायु प्रदूषण के बढऩे के कारण एनजीटी ने भी प्रदेश सरकार को चेताया है। एनजीटी ने प्रदेश को सात शहरों में पर्यावरण को शुद्ध बनाने के लिए उचित कदम उठाने को कहा है। पीक आवर में बढ़ती गाडिय़ों की आवाजाही और उद्योगों ने हिमाचल में रिस्पायरेबल सस्पेंडिड पर्टिकुलेट मेटर (आरएसपीएम) को निर्धारित मानकों से बढ़ा दिया है।

    तो और बढ़ेगा प्रदूषण
    प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हवा की गुणवत्ता की जांच की जा रही है। इसमें आरएसपीएम का स्तर निर्धारित 60 माइक्रो ग्राम प्रति घनमीटर से अधिक पाया गया है। वायु प्रदूषण को तीन आधार पर मापा जाता है जिसमें आरएसपीएमए सोक्स यानी सल्फर डाइआक्साइड और नोक्स यानी आक्साइड ऑफ नाइट्रोजन शामिल है। सुबह सात बजे से 11 बजे और दोपहर तीन बजे से रात आठ बजे तक वायु प्रदूषण सबसे उच्च स्तर पर दर्ज किया जा रहा है। जिस तरह लगातार गाडिय़ों की संख्या बढ़ती जा रही है, उससे प्रदूषण और बढ़ेगा।

    प्रदेश के कई शहर ऐसे हैं जिनमें हवा ज्यादा प्रदूषित होती जा रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा की गई जांच में प्रदेश के कई शहरों की हवा अधिक प्रदूषित पाई गई है। हालांकि इसका स्तर अन्य बड़े शहरों की अपेक्षा कम है।

    शहर         आरएसपीएम का स्तर

    शिमला           63

    परवाणू           64

    बद्दी               150

    नालागढ़         107

    कालाअंब        155

    सुंदरनगर         80

    (आरएसपीएम का स्तर माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर मे)

    यह हैं कारण
    इन सात शहरों की हवा में धूल के कणों में बढ़ोतरी होने का बड़ा कारण खस्ताहाल सड़कें है। इस कारण जब इन सड़कों पर वाहन दौड़ते हैं तो धूल मिट्टी के कण वहां की आबोहवा में शामिल हो जाते हैं। इसके अलावा वायु प्रदू‍षण बढ़ने का कारण सड़कों के किनारे फेंका जा रहा मलबा भी है। एक और कारण डीजल के बीस साल पुराने वाहन भी हैं जो आज भी प्रदेश की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार प्रदेश में 80 फीसद वायु प्रदूषण डीजल वाहनों के कारण हो रहा है।

    बंद करने होंगे पुराने डीजल वाहन
    वायु प्रदूषण खत्‍म करने के लिए सड़कों पर दौड़ रहे बीस वर्ष पुराने डीजल वाहनों को बंद करना होगा। इनसे सबसे अधिक वायू प्रदूषण हो रहा है। वाहनों की संख्या को भी सीमित करने की आवश्यकता है। इसके अलावा अधिक से अधिक पौधरोपण करना होगा जिससे वातावरण शुद्ध होगा। प्रदेश सरकार ने इससे लिए पापा प्रोजेक्ट भी शुरू किया है।

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