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    हिमाचल में 454 लोगों की मौत के बाद थमने लगा बारिश-बाढ़ का कहर, पढ़ें मौसम विभाग का ताजा अपडेट

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 08:21 AM (IST)

    मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार हिमाचल प्रदेश से दक्षिण-पश्चिम मानसून 26 सितंबर को विदा हो गया। इस मानसून में भारी बारिश बाढ़ और भूस्खलन से राज्य में लगभग 4881 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। 454 लोगों की मौत हुई और 9230 घर क्षतिग्रस्त हुए। राज्य में सामान्य से 40% अधिक वर्षा हुई जिसमें शिमला में 98% अधिक वर्षा दर्ज की गई। सीजेडसीपीआरआई ईएसपीएल एनआरजी.शिमला DES28हिमाचल प्रदेश-मानसून-वापसी

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    हिमाचल में अब थमने लगा बारिश-बाढ़ का कहर (जागरण फोटो)

    डिजिटल डेस्क, शिमला। हिमाचल प्रदेश में मौसम की विदाई होने लगी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने शुक्रवार को बताया कि 20 जून को हिमाचल प्रदेश में पहुंचा दक्षिण-पश्चिम मानसून 26 सितंबर को राज्य से पूरी तरह विदा हो गया है।

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    मानसून बुधवार को 12 में से आठ जिलों, चंबा, कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और मंडी - से और शुक्रवार को कुल्लू और शिमला जिलों के अधिकांश क्षेत्रों के साथ-साथ लाहौल-स्पीति के कुछ स्थानों से विदा हो गया।

    राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र द्वारा बुधवार को जारी एक अपडेट के अनुसार, भारी बारिश, बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं ने राज्य में तबाही मचाई और अनुमानित 4,881 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

    अब तक 454 लोगों की मौत

    इस हिमालयी राज्य में इस साल मानसून शुरू होने के बाद से अब तक 47 बादल फटने, 98 अचानक बाढ़ और 148 बड़े भूस्खलन हुए हैं, जबकि 454 लोगों की मौत हो चुकी है। कुल 9,230 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।

    मृतकों में से 264 की जान बारिश से संबंधित घटनाओं में और 190 की सड़क दुर्घटनाओं में गई। इसके अलावा, 498 लोग घायल हुए हैं और 50 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।

    पिछले 11 वर्षों में, मानसून की शीघ्र वापसी 29 सितंबर, 2015 को और विलंबित वापसी 11 अक्टूबर, 2019 को दर्ज की गई थी। राज्य में मानसून के मौसम में औसतन 1,023 मिमी वर्षा हुई, जो सामान्य वर्षा 730 मिमी से 40 प्रतिशत अधिक थी।

    11 जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई

    जनजातीय लाहौल-स्पीति जिले को छोड़कर, जहां 23 प्रतिशत कम वर्षा हुई, अन्य सभी 11 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई। शिमला में 98 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई, जबकि कुल्लू में 95 प्रतिशत।

    बिलासपुर में 79 प्रतिशत, मंडी में 75 प्रतिशत, सोलन में 68 प्रतिशत, ऊना में 62 प्रतिशत, हमीरपुर में 59 प्रतिशत, सिरमौर में 37 प्रतिशत, चंबा में 32 प्रतिशत और कांगड़ा एवं किन्नौर में 18-18 प्रतिशत वर्षा हुई।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ)