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    419 लोगों ने गंवाई जान, 45 अभी भी लापता... हिमाचल में बढ़ता जा रहा मौत का आंकड़ा, तीन महीने में उजड़ गया सबकुछ

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 10:54 AM (IST)

    प्रदेश में मानसून के दौरान 419 लोगों की मौत हो गई है और 45 लापता हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं विशेषकर सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़क संपर्क बहाल करने पर जोर दिया गया है। भारी बारिश से 4582 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है।

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    मानसून सीजन में अब तक 417 लोगों ने गंवाई जान 45 लापता (जागरण फोटो)

    राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान अब तक विभिन्न कारणों से 419 लोगों की मौत हुई है जबकि 45 लोग अभी भी लापता है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को विशेषकर सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़क संपर्क शीघ्र बहाल करने के निर्देश दिए ताकि सेब की फसल मंडियों तक पहुंच सके और बागवानों को आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े।

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    राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। ये निर्देश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में पिछले 48 घंटों के दौरान हुई भारी वर्षा से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए बुधवार को आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए।

    उन्होंने प्राकृतिक आपदा से हुई जानमाल की क्षति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों को प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

    पिछले दो दिनों में भारी बारिश के कारण पांच लोगों ने अपनी जान गंवाई है, जिनमें तीन लोग जिला मंडी के निहारी तथा दो के सदर उपमंडल के पंडोह मोहाल सुमा क्षेत्र से संबंधित है, जबकि दो लोग अभी भी लापता हैं।

    45 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई

    मुख्यमंत्री ने कहा कि सितंबर माह में राज्य में सामान्य से 136 प्रतिशत अधिक वर्षा जबकि पूरे मानसून सीजन के दौरान अब तक 45 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। उन्होंने कहा भारी वर्षा, बादल फटने तथा भूस्खलन के कारण 4582 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है।

    इस दौरान 15,022 संरचनात्मक नुकसान दर्ज किए गए हैं, जिनमें 1502 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त तथा 6467 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त, 6316 गौशालाएं तथा 594 दुकानें शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को सतर्क रहने और प्रभावित क्षेत्रों का व्यक्तिगत रूप से दौरा कर राहत एवं पुनर्वास कार्यों की निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

    उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी की परियोजनाओं तथा अन्य आवश्यक सेवाओं को प्राथमिकता के आधार पर बहाल करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने एचपीएमसी को अपने संग्रहण केंद्रों से सेब ढुलाई के लिए अतिरिक्त वाहन लगाने को कहा।

    बेघर परिवारों को 10 हजार रुपये मासिक किराया दिया जा रहा

    मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की सुरक्षा राज्य सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। विशेष राहत पैकेज के अंतर्गत आपदा में बेघर हुए परिवारों को शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में पांच हजार रुपये मासिक किराया प्रदान किया जा रहा है।

    उन्होंने कहा कि सामाजिक ताने-बाने को देखते हुए किराया प्रदान करने की शर्तों में ढील देने पर विचार किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक बेघर लोगों को लाभान्वित किया जा सके।

    उन्होंने कहा कि असुरक्षित भवनों में रह रहे लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें शीघ्र ही सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए।

    वर्चुअल माध्यम से बैठक में हुए शामिल

    शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, उप मुख्य-सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक हरदीप सिंह बावा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व केके पंत, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर।

    अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल त्रिवेदी और वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे, जबकि उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और विभिन्न जिलों के वरिष्ठ अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।