394 की मौत, 558 सड़कें बंद... हिमाचल में नहीं थम रहा कुदरत का कहर, आज शाम फिर भीषण बारिश का अलर्ट
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने से तबाही जारी है। कांगड़ा बिलासपुर हमीरपुर चंबा और मंडी समेत कई जिलों में नुकसान हुआ है। बिलासपुर के गुतराहण गांव में बादल फटने से मलबा घरों और खेतों में घुस गया। मंडी के धर्मपुर में पहाड़ी दरकने से 39 परिवारों को घर छोड़ना पड़ा। कुल्लू में ब्यास नदी में एक व्यक्ति बह गया।

जागरण टीम, शिमला। कांगड़ा, बिलासपुर, हमीरपुर व चंबा सहित अन्य स्थानों पर शनिवार को वर्षा हुई। बिलासपुर की उपतहसील नम्होल के गुतराहण गांव में शनिवार तड़के साढ़े तीन बजे बादल फट गया। इससे दो गाड़ियां मलबे में फंस गईं और छह लोगों के खेतों में मलबा भर गया। सड़क पर मलबा आ गया है। इससे पिकअप गाड़ी और कार मलबे में दब गईं, जबकि अन्य आठ गाड़ियां सुरक्षित रहीं।
वहीं, जून में तबाही का मंजर देखने वाले मंडी जिले के धर्मपुर में दो महीने बाद फिर से शुक्रवार रात सरसकान पंचायत के गांव कुसरी में पहाड़ी दरक गई। गांव की ओर चट्टानें आने के कारण 39 परिवारों ने रात को ही घर छोड़ दिए। लगभग आठ घरों में मलबा घुसा है। सरौन पंचायत में तीन घर और दो पशुशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं।
सरकाघाट की पंचायत कोट के गांव कोट में शुक्रवार रात भूस्खलन से आए मलबे में वेदप्रकाश चंद पुत्र शेर सिंह का मकान क्षतिग्रस्त हो गया। मलबे का बड़ा हिस्सा विनोद कुमार की पशुशाला पर जा गिरा, जिससे दो भैंसें दब गईं। आपदा के समय मंडी-कुल्लू को जोड़ने वाले कांढी-कटौला मार्ग पर बाजार के पीछे हो रहे भूधंसाव से 34 दुकानों व तीन घरों को खतरा पैदा हो गया है।
जिला कुल्लू के दुआडा में ब्यास नदी में आई लकड़ी को पकड़ते एक व्यक्ति बह गया। अभी तक व्यक्ति का कोई पता नहीं चल पाया है। कुल्लू-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग की बहाली में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) जुट गया है। बिंदु ढांक के पास सड़क बहाली शेष है। तीन से चार दिन के भीतर सड़क बहाली की उम्मीद है। चंबा के भटियात में पंचायत चिलामा व कुमलाड़ी में शुक्रवार रात वर्षा व भूस्खलन से भारी नुकसान हुआ है।
चिलामा के कुमलाड़ी गांव में एक मकान ध्वस्त हो गया। घटासनी के मामला गांव में दो मकान तथा दो पशुशालाएं ढह गईं। एक पशुशाला में पांच मवेशी भी दब गए। तीन अन्य मकानों के भीतर मलबा घुस गया। निचला मामला में एक नया मकान ढह गया। इसके अलावा चंबा-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) थाणे नाला से केरू पहाड़ तक भूस्खलन होने के कारण पांच घंटे तक बंद रहा। बाट पंचायत में एक व्यक्ति की खाई में गिरने से मौत हो गई।
कांगड़ा में शनिवार शाम भारी वर्षा हुई। पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर गगल स्थित कांगड़ा एयरपोर्ट के पास बनोई में पहाड़ी से मलबा गिर रहा है। इससे यहां मार्ग बाधित हो रहा है। हालांकि यहां पर बैकहो लोडर मार्ग को बंद नहीं होने दे रहा है।
वहीं, भारी वर्षा के कारण पौंग बांध का जलस्तर फिर से बढ़ गया है। प्रदेश में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 558 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। 237 ट्रांसफार्मर व 317 पेयजल योजनाएं अभी भी बंद हैं। प्रदेश में अभी तक बादल फटने की 46 घटनाएं हो चुकी हैं। मरने वालों की संख्या 394 हो चुकी है। जिसमें से 221 लोगों की बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ और अन्य कारणों से मौत हुई है। प्रदेश में अभी तक 4467 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है।
- प्रदेश में अभी तक 46 बार फट चुके हैं बादल, 4467 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान।
- सरौन पंचायत में तीन घर और दो पशुशालाएं क्षतिग्रस्त, कोट में एक मकान को क्षति।
- कांढी-कटौला मार्ग पर बाजार के पीछे हो रहे भूधंसाव से 34 दुकानों व तीन घरों को खतरा।
- कुल्लू के दुआडा में ब्यास नदी में आई लकड़ी को पकड़ते एक व्यक्ति बहा, नहीं लगा सुराग।
- भटियात के कुमलाड़ी गांव में मकान ध्वस्त, मामूल में दो मकान तथा दो पशुशालाएं गिरीं।
- चंबा-पठानकोट एनएच थाणे नाला से केरू पहाड़ तक भूस्खलन के कारण पांच घंटे रहा बंद।
- चंबा जिले की बाट पंचायत में व्यक्ति की खाई में गिरने से मौत पौंग बांध का जलस्तर बढ़ा।
- हिमाचल प्रदेश में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 558 सड़कें बंद, 237 ट्रांसफार्मर और 317 पेयजल भी ठप।
आज शाम तक भारी वर्षा का अलर्ट
मौसम विभाग ने 14 सितंबर शाम तक प्रदेश में भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। 15 सितंबर से प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है जबकि अधिकतर स्थानों पर धूप खिलने का अनुमान है। ऐसे में भारी वर्षा से राहत मिलने की उम्मीद है।
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