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    360 की मौत, 426 लोग घायल... हिमाचल में बाढ़ और भूस्खलन का कहर जारी, 1080 सड़कें यातायात के लिए बंद

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 07:04 AM (IST)

    शिमला में बारिश और भूस्खलन से हालात गंभीर हैं। इस मानसूनी सीजन में अब तक 360 लोगों की जान जा चुकी है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार प्रदेश में कई सड़कें बिजली लाइनें और जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। भारतीय वायु सेना ने मणिमहेश यात्रा में फंसे श्रद्धालुओं को बचाया। रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है।

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    हिमाचल में बाढ़ और भूस्खलन का कहर जारी, अब तक 360 की मौत (जागरण फोटो)

    डिजिटल डेस्क, शिमला। हिमाचल प्रदेश में बारिश और भूस्खलन का प्रकोप जारी है। प्रदेश में इस मानसूनी सीजन के चलते अब तक 360 लोगों की मौत हो गई।

    राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के अनुसार, शुक्रवार शाम तक राज्य भर में 1,087 सड़कें, 2,838 बिजली आपूर्ति लाइनें और 509 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हो गई हैं।

    एसडीएमए के अनुसार, 20 जून, 2025 से अब तक आपदा से मरने वालों की संख्या बढ़कर 360 हो गई है, जिनमें से 197 मौतें बारिश से संबंधित घटनाओं जैसे भूस्खलन, अचानक बाढ़, बादल फटना, डूबना, बिजली गिरना और अन्य मौसम संबंधी दुर्घटनाओं के कारण हुई हैं। इसी अवधि के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में 163 और लोगों की जान गई है।

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    426 लोग घायल

    एसडीएमए की रिपोर्ट से पता चलता है कि मानसून से उत्पन्न आपदाओं में 426 लोग घायल हुए हैं और 1,440 पशुओं की मौत हुई है, जबकि 47 लोग लापता हैं।

    कुल आर्थिक नुकसान 3,979.52 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है, जिसमें सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के बुनियादी ढांचों को भारी नुकसान पहुंचा है।

    मंडी जिले में सबसे ज्यादा हुई मौत

    मंडी जिले में वर्षा जनित मौतों की सबसे अधिक संख्या (36) दर्ज की गई, उसके बाद कांगड़ा (31), कुल्लू (20), चंबा (21) और शिमला (21) का स्थान रहा। एसडीएमए ने बताया कि भूस्खलन से 37, अचानक बाढ़ से 9, बादल फटने से 17, डूबने की घटनाओं से 33, बिजली और गिरने से 15-15, और अन्य कारणों से 28 मौतें हुई हैं।

    एसडीएमए के एक प्रवक्ता ने कहा कि अवरुद्ध सड़कों, क्षतिग्रस्त जलापूर्ति योजनाओं और बाधित बिजली लाइनों की मरम्मत का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इस मौसम में कृषि, बागवानी और पशुधन को अभूतपूर्व नुकसान हुआ है।

    चिनूक हेलिकॉप्टर से पचास तीर्थयात्री भरमौर पहुंचे

    इससे पहले, भारतीय वायु सेना ने मणिमहेश यात्रा में फंसे श्रद्धालुओं का बचाव अभियान शुरू किया।वायु सेना के चिनूक हेलिकॉप्टर की पहली उड़ान में 50 तीर्थयात्री भरमौर से सुरक्षित चंबा पहुंच गए।

    बचाव अभियान हिमाचल प्रदेश के मंत्री जगत सिंह नेगी की देखरेख में चलाया जा रहा है। सभी श्रद्धालुओं को शुक्रवार को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा और फिर उनके गंतव्यों के लिए रवाना कर दिया जाएगा।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ)

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