357 सड़कें बंद, 1538 करोड़ का नुकसान... मंडी में बारिश ने तोड़ा 39 साल का रिकॉर्ड, आज इन जिलों के लिए अलर्ट
Himachal Disaster मंडी में 39 साल का वर्षा का रिकॉर्ड टूटा 198.6 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। कुल्लू शिमला सोलन में भी भारी वर्षा हुई जबकि ऊंची चोटियों पर हिमपात हुआ। बिजली गिरने से 90 भेड़-बकरियों की मौत हो गई। मौसम विभाग ने चंबा कांगड़ा मंडी कुल्लू में भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है जिससे बाढ़ का खतरा है।

जागरण संवाददाता, शिमला। प्रदेश में मंडी में जुलाई में 24 घंटों के दौरान सबसे अधिक वर्षा का 39 वर्ष का रिकॉर्ड टूटा है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार सात जुलाई 1986 को मंडी में 155 मिलीमीटर वर्षा हुई थी, जबकि 29 जुलाई को 198.6 मिलीमीटर वर्ष दर्ज की गई।
सोमवार देर रात से मंगलवार को मंडी सहित कुल्लू, शिमला व सोलन में भारी वर्षा हुई। प्रदेश की ऊंची चोटियों रोहतांग, बारालाचा और कुंजुम में हिमपात हुआ है।
शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत पंचायत हार बोह से करीब 30 किलोमीटर दूर शिव दरूणी स्थित छतरी मूला जोत में बिजली गिरने से 90 भेड़-बकरियों की मौत हो गई।
कई जिलों के लिए अलर्ट जारी
भेड़-बकरियां बोह गांव के लोगों की थीं। वहीं मौसम अनुकूल न होने पर गगल स्थित कांगड़ा एयरपोर्ट पर पांच में से तीन ही विमान आए।
मौसम विभाग ने 30 और 31 जुलाई को चंबा, कांगड़ा, मंडी और कुल्लू जिले के कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके कारण कुछ स्थानों पर नदी और नालों में अचानक बाढ़ आ सकती है।
हिमाचल को 1538 करोड़ का नुकसान
प्रदेश में 20 जून से लेकर अभी तक लगभग 1538 करोड़ रुपये का नुकसान आंका जा चुका है। प्रदेश में वर्षा और भूस्खलन के कारण 357 सड़कें बंद हैं।
मंडी जिले में 259, कुल्लू में 47, कांगड़ा में 24, चंबा में 14, ऊना व हमीरपुर में चार-चार, सिरमौर व सोलन में दो-दो और शिमला में एक सड़क बाधित है। प्रदेश में 182 ट्रांसफार्मर खराब हैं जिसमें मंडी में 172, कांगड़ा में पांच व चंबा में पांच शामिल हैं।
179 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं, जिसमें कांगड़ा में 98, मंडी में 47, चंबा में 34 शामिल हैं। प्रदेश में अधिकतम तापमान में एक से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। सबसे अधिक तापमान भुंतर में 33.5 व ऊना में 32.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
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