भारी बारिश और भूस्खलन से नहीं कोई राहत... हिमाचल में मौसम के कहर से अब तक 192 की मौत, कैलाश यात्रा भी स्थगित
हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा ने फिर तबाही मचाई है। मंडी जिले में सबसे अधिक नुकसान हुआ है जहां सराज बल्ह गोहर व सदर क्षेत्र प्रभावित हैं। ठियोग में चट्टान गिरने से एक युवक की जान चली गई। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार 20 जून 2025 से अब तक 192 लोगों की मृत्यु हुई है जिनमें से 106 वर्षाजनित आपदाओं के कारण हुई हैं।

जागरण टीम, शिमला। Himachal Disaster: सोमवार रात और मंगलवार को हुई भारी वर्षा से प्रदेश में एक बार फिर भारी नुकसान हुआ है। मंडी जिले में सराज, बल्ह, गोहर व सदर क्षेत्र में ज्यादा नुकसान किया है।
उपमंडल ठियोग में मंगलवार दोपहर नेरी पुल स्थित शिव मंदिर के पास कार पर चट्टान गिरने से युवक की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चट्टान कार के अगले शीशे पर गिरी, जिससे चालक घायल हो गया। उसे सिविल अस्पताल ठियोग लाया जा रहा था लेकिन रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) ने 20 जून, 2025 से अब तक 192 लोगों की कुल मृत्यु की सूचना दी है। इनमें से 106 मौतें भूस्खलन, अचानक बाढ़, (Himachal Rain) बादल फटने और डूबने जैसी वर्षाजनित आपदाओं के कारण हुईं, जबकि इसी अवधि के दौरान 86 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में जान चली गई।
इन जिलों में कितनी हुईं आपदा से जुड़ी घटनाएं
वर्षा से संबंधित मौतों में, मंडी ज़िले में सबसे ज़्यादा 23 मौतें हुईं, उसके बाद कांगड़ा (24) और चंबा (9) का स्थान रहा। मौतों के कारणों में भूस्खलन (6), अचानक बाढ़ (8), बादल फटना (17), डूबना (20), बिजली गिरना (0), आग लगना (1), बिजली का झटका लगना (10), और अन्य वर्षाजनित दुर्घटनाएँ (18) शामिल हैं।
इसके अलावा, एसडीएमए ने सड़क दुर्घटनाओं के कारण 86 मौतों की पुष्टि की है, जिनमें मंडी (19 मौतें) और शिमला (12 मौतें) सबसे ऊपर हैं, इसके बाद कुल्लू (8) और कांगड़ा (6) का स्थान है।
अभी भी 449 सड़कें बंद
बुनियादी ढांचे का नुकसान चौंका देने वाला है: भूस्खलन के कारण 449 सड़कें अवरुद्ध हैं, जिनमें NH-21, NH-003, NH-154 और NH-305 जैसे प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 753 बिजली वितरण ट्रांसफार्मर काम नहीं कर रहे हैं और 276 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं।
कैलाश यात्रा स्थगित
जिला किन्नौर में भारी वर्षा के कारण किन्नौर कैलाश यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी है। इस वर्ष छठी बार यात्रा स्थगित की गई है। मौसम अनुकूल न होने के कारण मंगलवार को गगल स्थित कांगड़ा एयरपोर्ट पर दिल्ली से पांच में से दो ही विमान उतर सके।
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