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    शिमला के चमियाणा में एक महीने में हुईं 18 रोबोटिक सर्जरी, तीन से चार दिन में स्वस्थ होकर घर लौट रहे मरीज

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 12:01 PM (IST)

    शिमला के चमियाणा अस्पताल के बाद अब मेडिकल कॉलेज टांडा में भी रोबोटिक सर्जरी शुरू हो गई है। चमियाणा में एक महीने में 18 रोबोटिक सर्जरी हुई हैं जहाँ यूरोलॉजी विभाग में प्रोस्टेट कैंसर और किडनी ट्यूमर की सर्जरी की जा रही है। टांडा मेडिकल कॉलेज में पहली रोबोटिक सर्जरी चंबा की 43 वर्षीय महिला की किडनी के कैंसर का ट्यूमर निकालने के लिए की गई।

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    यूरोलाजी विभाग में ही हो रही रोबोटिक सर्जरी। सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, शिमला। शिमला के चमियाणा स्थित सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के बाद अब मेडिकल कॉलेज टांडा में भी रोबोटिक सर्जरी की सुविधा आरंभ हो गई है। सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल चमियाणा में एक माह में 18 रोबोटिक सर्जरी हो चुकी हैं। यहां पर 11 अगस्त को पहली बार दो रोबोटिक सर्जरी की गई थीं।

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    हालांकि, अभी तक सिर्फ यूरोलाजी विभाग में ही रोबोटिक सर्जरी हो रही है। पिछले महीने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यहां पर रोबोटिक सर्जरी सुविधा का शुभारंभ किया था। इसके बाद से यहां पर मरीजों की रूटीन में रोबोटिक सर्जरी हो रही है। अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों का कहना है कि जल्द अन्य विभागों में भी रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू हो जाएगी।

    यूरोलाजी विभाग ने प्रोस्टेट कैंसर और किडनी ट्यूमर के मरीजों की रोबोटिक सर्जरी की हैं। रोबोटिक सर्जरी के लिए डॉक्टरों को पहले एक महीने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके बाद उन्हें प्रमाणपत्र मिलने पर रोबोटिक सर्जरी करने की अनुमति मिलती है। टांडा मेडिकल कॉलेज के यूरोलाजी विभाग के विशेषज्ञों ने शुक्रवार को पहली रोबोटिक सर्जरी की।

    यह सर्जरी किडनी के कैंसर से पीड़ित 43 वर्षीय रंजना की हुई, जो चंबा शहर की रहने वाली हैं। रोबोटिक तकनीक की मदद से ट्यूमर को निकालकर किडनी बचा ली गई, अन्यथा सामान्य आपरेशन होता तो किडनी को बचाना असंभव था।

    रोबोटिक सर्जरी का यह हो रहा फायदा

    रोबोटिक सर्जरी से जहां मरीजों का सटीक इलाज हो रहा है, वहीं समय भी कम लग रहा है। रक्त भी कम बहता है। सामान्य सर्जरी में पांच घंटे और चार यूनिट तक रक्त की जरूरत होती है।

    रोबोटिक तकनीक से यह तीन घंटे में पूरी हो जाती है और मरीज तीन-चार दिन में स्वस्थ होकर घर लौट जाता है। इस सर्जरी में छोटे चीरे, कम दर्द, कम संक्रमण होता है।

    मरीज की रिकवरी भी तेजी से होती है। मरीजों को लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती नहीं रहना पड़ता। यह तकनीक जटिल कैंसर रोगों के इलाज में भी काफी कारगर सिद्ध हो रही है। अब तक इस सर्जरी की सुविधा केवल चंडीगढ़, दिल्ली जैसे बड़े शहरों तक सीमित थी।

    अस्पताल में अभी तक 18 मरीजों की रोबोटिक सर्जरी की जा चुकी है। इससे मरीजों को लाभ मिल रहा है। यूरोलाजी विभाग के बाद अन्य विभागों में भी जल्द रोबोटिक सर्जरी की सुविधा आरंभ की जाएगी। - डॉ. सुधीर शर्मा, चिकित्सा अधीक्षक, सुपर