170 करोड़ की ग्रांट आई लेकिन पंचायतों तक पहुंची शून्य, हिमाचल की राज्य सरकार पर लगे ये बड़े आरोप
हिमाचल प्रदेश की पंचायतों के विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी 170 करोड़ रुपये की ग्रांट अभी तक पंचायती राज संस्थाओं तक नहीं पहुंची है। यह राशि 15 ...और पढ़ें

पंचायतों तक नहीं पहुंची 15वें वित्त आयोग की 170 करोड़ की ग्रांट (फाइल फोटो)
यादवेन्द्र शर्मा, शिमला। हिमाचल प्रदेश की 3577 पंचायतों के विकास कार्यों के लिए 15वें वित्त आयोग से प्राप्त राशि, जो केंद्र सरकार द्वारा सितंबर और अक्टूबर में भेजी गई थी, अभी तक पंचायती राज संस्थाओं को नहीं मिली है।
यह इस वित्तीय वर्ष की पहली किस्त है। जब राशि ही जारी नहीं हुई है, तो यह प्रश्न उठता है कि उपयोगिता प्रमाणपत्र कब जमा होंगे और दूसरी किस्त कब मिलेगी।
केंद्र ने 24 सितंबर, 2025 को अनटाइड फंड के तहत 68 करोड़ रुपये और 29 अक्टूबर, 2025 को टाइडफंड के तहत 102 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इस प्रकार कुल 170 करोड़ रुपये की राशि आई है, लेकिन यह पंचायती राज संस्थाओं को नहीं दी गई है।
इस राशि का उपयोग पंचायतों के विकास कार्यों में किया जाना है, जिसमें स्वच्छता, पेयजल, सड़क निर्माण, दीवार लगाना और अन्य विकास कार्य शामिल हैं। केंद्र से जारी होने वाली इस राशि का बंटवारा तीन हिस्सों में होता है।
इसमें से 70 प्रतिशत पंचायतों को, 15 प्रतिशत ब्लाक समिति को और 15 प्रतिशत जिला परिषद को दिया जाता है। यह अनटाइड और टाइड दोनों प्रकार की राशि इसी अनुपात में वितरित की जाती है, हालांकि खर्च तीनों स्तरों पर विकास कार्यों पर ही किया जाता है।
किसी भी विभाग के लिए राशि दो प्रकार से निर्धारित और जारी होती है। टाइड फंड वह राशि है, जिसे निर्धारित योजना पर ही खर्च किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, पंचायतों को दी जाने वाली टाइड फंड की राशि केवल स्वच्छता और पेयजल पर खर्च की जा सकती है।
दूसरी ओर, अनटाइड फंड वह है, जिसे किसी भी योजना और कार्य पर खर्च किया जा सकता है, जैसे सड़क निर्माण, दीवार लगाना, या युवक मंडल और महिला मंडल को विकास कार्यों के लिए राशि का आवंटन।
केंद्र से आने वाली राशि का 100 प्रतिशत हिस्सा सरकार के खाते में आता है, जिसमें प्रदेश की कोई हिस्सेदारी नहीं होती है। यह राशि सीधे प्रदेश सरकार के खाते में आती है और वहां से पंचायती राज संस्थाओं की तीन स्तरीय प्रणाली को आवंटित की जाती है।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि 15वें वित्त आयोग के तहत जो राशि आई है, उसके आवंटन के संबंध में सारी जानकारी लेने के बाद ही कुछ कह सकता हूं। यह राशि पंचायतों के विकास कार्यों के लिए दी जाती है।

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