Himachal Flood: 16 की मौत, 246 सड़कें बंद... हिमाचल में आज पांच जिलों में बाढ़ की आशंका, मौसम विभाग ने दी चेतावनी
Himachal Flood Update शिमला में ढली-कैथलीघाट फोरलेन का डंगा गिरने से पांच भवनों को खतरा है। चंबा में मकान ध्वस्त होने से एक की मौत हो गई। मंडी जिले में बादल फटने से लापता एक और व्यक्ति का शव मिला जिससे मृतकों की संख्या 16 हो गई है 57 लापता हैं। जंजैहली के होटल में 60 पर्यटक सुरक्षित हैं।

जागरण टीम, शिमला/मंडी। Himachal Weather Update: प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से नुकसान थम नहीं रहा। वीरवार को शिमला में ढली-कैथलीघाट फोरलेन का डंगा लिंडीधार में गिर गया। इससे पांच भवनों को खतरा हो गया है। चार दिन पहले ही डंगे का एक हिस्सा गिरा था।
स्थानीय निवासी ऋषि राठौर व अनिल का आरोप है कि फोरलेन निर्माण के चलते डंगे दरक रहे हैं। लोग दहशत में हैं और कई परिवार घरों से बाहर रहने के लिए मजबूर हैं। यह डंगा 90 फीट ऊंचा है। चंबा उपमंडल के जडेरा में बुधवार रात भारी वर्षा से शेडनुमा मकान ध्वस्त होने से दो लोग दब गए। इनमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई।
अब तक 16 लोगों ने गंवाई जान
मंडी जिले में 30 जून को आधी रात में बादल फटने से आई बाढ़ में बहे एक और व्यक्ति का शव सराज के केलटी में मिला। जिले में आपदा से अब तक 16 लोग जान गंवा चुके हैं, 57 लापता हैं। जंजैहली के होटल क्लब महेंद्रा में ठहरे 60 पर्यटक सुरक्षित हैं। पुलिस का इनसे संपर्क हो चुका है।
गोहर उपमंडल के स्यांज से लापता सात लोगों की तलाश के लिए प्रशासन ड्रोन की मदद लेगा। धर्मपुर, गोहर, सदर, पद्धर व सराज में सात राहत शिविर बनाए हैं। इनमें 403 प्रभावितों को ठहराया है।
सबसे अधिक 280 सराज के प्रभावित हैं। पुल व सड़क क्षतिग्रस्त होने से जिला मुख्यालय से कट चुकी सराज हलके की 11 पंचायतों को माता बगलामुखी रोपवे से राहत सामग्री पहुंचाने का काम शुरू हो गया है। जिले में अब तक 175 घर, 132 पशुशालाएं व सात दुकानें ध्वस्त हो चुकी हैं।
आज छह जिलों में भारी वर्षा की संभावना
मौसम विभाग ने चार जुलाई को छह जिलों कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, सोलन, सिरमौर और शिमला में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की चेतावनी दी है। छह, सात व आठ जुलाई को कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, बिलासपुर अैर ऊना में बहुत भारी वर्षा होगी। जिससे नदियों के जलस्तर बढ़ने की संभावना है। प्रदेश में भूस्खलन से अभी तक 246 सड़कें बंद हैं। 404 ट्रांसफार्मर खराब हैं जबकि 784 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं।
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के कारण बादल फटने और बाढ़ आने की घटनाएं हो रही हैं। अभी तक 400 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया है, जबकि नुकसान अधिक हुआ है। सबसे बड़ी प्राथमिकता राहत और बचाव है।
- डीसी राणा, निदेशक आपदा प्रबंधन।
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