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    153 लोगों की मौत, 222 सड़कें बंद... हिमाचल में 'काल' बनकर बरस रही बारिश, अगले तीन दिन रहें सावधान

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 11:06 AM (IST)

    मौसम विभाग ने मंडी शिमला और सिरमौर जिलों में भारी वर्षा की संभावना जताई है जिससे तापमान में गिरावट आ सकती है। कांगड़ा मंडी कुल्लू हमीरपुर बिलासपुर और ऊना जिलों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में 222 सड़कें बंद हैं 36 ट्रांसफार्मर खराब हैं और 152 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं।

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    हिमाचल में 'काल' बनकर बरस रही बारिश, 153 की मौत (पीटीआई फोटो)

    राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Disaster: मौसम विभाग ने 26 जुलाई को मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना जताई है। इसके कारण तापमान में गिरावट आने का अनुमान है।

    27 जुलाई को कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना जिलों में भारी वर्षा का यलो अलर्ट है। 29 जुलाई तक भारी वर्षा की संभावना है। प्रदेश में शुक्रवार को दिन की शुरुआत खिली धूप के साथ हुई। जबकि दोपहर बाद मंडी, शिमला और कुल्लू सहित अन्य स्थानों पर वर्षा हुई।

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    सात घंटे तक बाधित रहा मार्ग

    शिमला के रामनगर वार्ड में पेड़ घर की छत पर गिर गया, जिससे घर को नुकसान पहुंचा है। चंबा के नकरोड़ू-चांजू मार्ग भूस्खलन से सात घंटे तक बाधित रहा। प्रदेश में मंडी-कोटली राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) सहित 222 सड़कें बंद हैं।

    मंडी जिले में 144, कुल्लू में 48, कांगड़ा में 11, लाहुल स्पीति में छह, चंबा में चार, सिरमौर व ऊना में तीन-तीन, शिमला में दो व सोलन में एक सड़क बंद है। प्रदेश में अभी तक 36 ट्रांसफार्मर खराब हैं। 152 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं जिसमें मंडी में 78, कांगड़ा में 68 जबकि बाकी अन्य स्थानों पर खराब हैं।

    153 लोगों की मौत

    हिमाचल में बारिश और भूस्खलन से यातायात बाधित है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के अनुसार, शुक्रवार शाम तक लगभग 221 सड़कें, 36 बिजली वितरण ट्रांसफार्मर और 152 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुईं।

    वहीं, इस मानसून सीज़न में कुल 153 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 82 मौतें भूस्खलन, अचानक बाढ़ और मकान गिरने जैसी बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण हुई हैं, जबकि 72 मौतें फिसलन भरी और क्षतिग्रस्त पहाड़ी सड़कों के बीच सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुई हैं।

    जिलों के हिसाब से, मंडी सबसे ज़्यादा प्रभावित है, जहां 144 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। उसके बाद कुल्लू (58 सड़कें) और कांगड़ा (11 सड़कें) का स्थान है। भारी भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 70 (NH-70) मंडी और कोटाली के बीच बंद है। मंडी (65 योजनाएँ) और कांगड़ा (59 योजनाएं) में जलापूर्ति प्रभावित हैं।