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Shimla: 50 घंटे बाद मलबे से मिला एक और शव, शिव मंदिर हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

Shiv Mandir Landslide राजधानी शिमला के शिव बावड़ी मंदिर (Shiv Bawdi Temple) के पास हुए हादसे में राहत कार्य जारी है। 10 बजे के करीब मलबे में एक और शव बरामद हुआ है। यह महिला का शव है जिसकी अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है। इसके साथ मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। मलबे में 8 से 10 और लोगों के लापता होने की आशंका है।

By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaPublished: Wed, 16 Aug 2023 11:10 AM (IST)Updated: Wed, 16 Aug 2023 11:10 AM (IST)
शिव मंदिर हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत

शिमला, जागरण संवाददाता। Shiv Mandir Landslide: राजधानी शिमला के शिव बावड़ी मंदिर (Shiv Bawdi Temple) के पास हुए हादसे में राहत कार्य जारी है। सुबह 7 बजे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड, स्थानीय लोगों ने राहत कार्य शुरू किया।

10 बजे के करीब मलबे में एक और शव बरामद हुआ है। यह महिला का शव है जिसकी अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है। इसके साथ मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। सुबह सेना का छोटे रोबोट को वहां पर मलबा हटाने के लिए लाया गया।

8 से 10 और लोगों के लापता होने की आशंका

खबर लिखे जाने तक राहत कार्य जारी था। मौके पर जैसे ही कोई शव मिलता है, शिनाख्त के वक्त गुमशुदा लोगों के परिजनों की व्याकुलता बढ़ जाती है। स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। अपनों की तलाश में लोग लापता लोगों की फोटो लेकर पहुंच रहे हैं। अभी भी मलबे में 8 से 10 और लोगों के लापता होने की आशंका है।

बीते 50 घंटे से चल रहे रेस्क्यू चला हुआ है। इस हादसे में अब तक मंदिर के पुजारी सहित 13 लोगों के शव बरामद किए गए। शिमला पुलिस ने लोगों से अपील की है कि हादसों के बाद जिनके स्वजन लापता हैं, वे पुलिस को इसकी सूचना दें, ताकि रेस्क्यू शुरू किया जा सके।

क्या बोले डीएस राजपूत?

14 एनडीआरएफ के सेकंड इन कमांड डीएस राजपूत ने कहा कि प्राप्त जानकारी के अनुसार, हमारे पास यहां 21 पीड़ितों के सबूत हैं। कल तक हमने 12 शव बरामद किए थे। वहीं, आज हमें एक और शव मिला है, इसलिए 13 शव बरामद किए गए हैं। वहीं, उन्होंने कहा कि अभी घटनास्थल पर राहत-बचाव का कार्य जारी है।

डीएस राजपूत ने कहा कि अभी इस बात की पुष्टि नहीं कि जा सकती है कि सर्च ऑपरेशन कब खत्म होगा क्योंकि निचले क्षेत्र में शव कम से कम 2 किमी तक फैले हुए हैं और हम वहां मशीनों का उपयोग नहीं कर सकते हैं। इसलिए बचाव मैन्युअल रूप से करना होगा।


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