गुरु को दें सम्मान
संवाद सहयोगी, शिमला : अच्छे नागरिक के निर्माण में शिक्षक की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। आज के प
संवाद सहयोगी, शिमला : अच्छे नागरिक के निर्माण में शिक्षक की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। आज के परिदृश्य में शिक्षकों के प्रति विद्यार्थियों का नजरिया बदला है। सूचना क्रांति ने गुरु व शिष्यों के संबंधों में खुलापन लाया है।
गुरु व शिष्य के संबंधों पर आधारित बौद्धिक पर्व शिक्षक दिवस पांच सितंबर को है। गुरुओं का शिष्यों के प्रति नजरिया व शिष्य गुरुओं को कैसे देखते हैं, इस विषय पर राजधानी के कॉलेजों के प्राध्यापकों व विद्यार्थियों से बातचीत की गई। प्रस्तुत हैं उनसे बातचीत के प्रमुख अंश ..
शिक्षक की अपनी भूमिका है। छात्र की अपनी मर्यादा है। जब दोनों अपनी मर्यादा को लांघने का प्रयास करते हैं तो संबंधों में तनाव आता है।
जेएस नेगी
आज समाज में खुलापन आने से अध्यापकों की गरिमा कुछ हद तक कम हुई है। ऐसा नहीं होना चाहिए। अध्यापकों को सम्मान मिले।
डॉ. हरीश गुप्ता
सूचना की क्रांति ने अध्यापकों के महत्व को कम नहीं किया बल्कि बढ़ाया है। अध्यापक को विशेष महत्व है।
डॉ. गोपाल
प्रतिस्पर्धा के युग में समय की कमी के कारण छात्र लंबे उपदेश नहीं सुनना चाहते। इसलिए कुछ अध्यापकों को इसमें अपनी गरिमा की गिरावट दिखती है।
डॉ. मनीष चंदेल
गुरु के प्रति नजरिया कबीर के दोहे 'गुरु गोविंद दोऊ खड़े' जैसा है। अपने गुरुओं का हमेशा सम्मान करना चाहिए।
उज्जवल ठाकुर
शिक्षक दिवस शिक्षकों के प्रति सम्मान दिखाने के लिए है। हमें इसे शिक्षकों के प्रति आदर भावना से मनाना चाहिए।
सृष्टि
शिक्षक का दर्जा भगवान के समान है। इसलिए यह जरूरी है कि सभीको शिक्षकों की इज्जत करनी चाहिए।
आयुषी
माता-पिता के बाद शिक्षकों का स्थान आता है। शिक्षकों का योगदान जीवन में नकारा नहीं जा सकता है।
रिंपल
विद्यार्थी कच्चे घड़े के समान होता है। उसे सही रूप से गुरु ही उचित आकार देते हैं। विद्यार्थियों को चाहिए कि वे गुरु को सम्मान दें।
कीर्ति
गुरुओं का सम्मान मां-बाप की तरह करना चाहिए। गुरु का कभी अनादर न करें। ऐसा करने से उनकी भी इज्जत बढ़ेगी।
रिया
अध्यापकों की बहुत इज्जत करता हूं। अध्यापकों का रुख छात्रों के प्रति दोस्ताना होना चाहिए। अध्यापक छात्रों का उचित मार्गदर्शन करें।
अजय राणा
शिक्षकों व छात्रों को अपनी-अपनी जगह जिम्मेदार होना चाहिए ताकि कोई तनावपूर्ण घटना न हो।
कपिल
छात्रों की उम्र में सपने बड़े होते हैं। ऐसे में गुरुओं को छात्रों की मानसिकता देखकर फैसला लेना चाहिए।
विरेंद्र ठाकुर
छात्रों की महत्वाकांक्षाओं से जब अध्यापक परिचित नहीं होते हैं, तभी संबंध तनावपूर्ण होते हैं। इनमें संबंध बेहतर होने चाहिएं।
अनिल कुमार
आज समाज में खुलापन आया है। इससे छात्रों में जानने की उत्सुकता बढ़ी है। ऐसे में शिक्षकों की भूमिका जानकारी प्रदाता तक रह गई है।
अनन्या
अध्यापक ही छात्र के सही भविष्य निर्माता होते हैं। अध्यापकों का हमेशा सम्मान करना चाहिए। अध्यापकों का निरादर न करें।
चांदनी वर्मा
अध्यापक माता-पिता की तरह होते हैं जो छात्रों को गलत रास्ते पर नहीं जाने देते हैं। ऐसे में गुरुओं का हमेशा सम्मान करें।
इशिता कायथ
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