लगातार बारिश ने बढ़ाई बागवानों की मुश्किलें
जागरण संवाददाता, शिमला : भारी बरसात के कारण जहां प्रदेश में जनजीवन अस्तव्यस्त है वहीं बागवानों की मुश्किलें भी बढ़ी हैं। लगातार बारिश के कारण सेब की फसल में फंगस व स्कैब जेसे रोग लगने की आशंका बढ़ गई है। इससे सेब के आकार पर प्रभाव पड़ता है और सेब का आकार छोटा रह जाता है। स्कैब रोग से सेब पर काले रंग के छोटे-छोटे धब्बे पड़ते हैं। ये धब्बे धीरे-धीरे गहरे होते जाते हैं, जिससे फल का आकार बढ़ना रुक जाता है तथा फल खाने के लिए भी स्वादिष्ट नहीं रहता।
लगातार बारिश के कारण पौधों के पत्ते फल के साथ चिपके रहते हैं तथा धूप न लगने के कारण ऊल का रंग काला पड़ने से बागवानों की उसकी फसल के मंडी में उचित दाम नहीं मिल पाते। इतना ही नहीं स्कैब रोग सेब की फसल के बाद पौधों को भी नुकसान पहुंचाता है, जिससे पौधों के पत्ते समय से पहले ही पीले पड़कर झड़ने शुरू हो जाते हैं।
बागवानी विशेषज्ञ फंगस व स्कैब से बचाव के लिए दवाओं छिड़काव की सिफारिश करते हैं, मगर मौसम साफ न होने के कारण बागवान छिड़काव नहीं कर पा रहे हैं, जिसके कारण बागवानों की परेशानी बढ़ती नजर आ रही है। इसके अलावा लगातार बारिश ने संपर्क सड़कों को भी अवरुद्ध कर दिया है, जिसके कारण बागवानों का सेब मंडी तक नहीं पहुंच पा रहा है।
'लगातार बारिश सेब की फसल के लिए नुकसानदायक है। इससे सेब को फंगस व स्कैब जैसी बीमारिया लगने की आशंका बढ़ जाती है। इससे फलों का आकार बढ़ना रुक जाता है तथा फलों पर काले रंग के छोटे-छोटे धब्बे नजर आते हें। इन धब्बों से फलों की मिठास भी नष्ट हो जाती है। इन रोगों की रोकथाम के लिए बागवानों को छिड़काव करना आवश्यक है।'
-डॉ. विजय ठाकुर, सहायक निदेशक, क्षेत्रीय फल अनुसंधान केंद्र मशोबरा।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।