हिमाचल में भर्ती परीक्षा में नकल करते पकड़े जाने पर 10 साल कैद, 1 करोड़ का जुर्माना
हिमाचल प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में नकल करने पर अब सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की कैद और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। सरकार ने 'लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण अधिनियम 2025' लागू कर दिया है, जिसके तहत अपराध गैर-जमानती होगा। सेवा प्रदाताओं पर भी भारी जुर्माना लगाया जाएगा।

हिमाचल में नकल माफिया पर नकेल, 10 साल की कैद और भारी जुर्माना।
राज्य ब्यूरो, धर्मशाला। हिमाचल में अब भर्ती परीक्षा में नकल करने और करवाने वालों को कम से कम पांच और अधिकतम दस साल की कैद और एक करोड़ का जुर्माना होगा। राज्य सरकार ने बजट सत्र इसको लेकर बिल पारित किया था।
राजभवन से मंजूरी के बाद लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण अधिनियम 2025 लागू हो गया है। विधानसभा के मानसून सत्र में यह विधेयक पारित हुआ था। इसके तहत इस अपराध को गैर जमानती और संज्ञेय बनाया गया है। शुक्रवार को राजपत्र में विधि विभाग की ओर से इस बाबत अधिसूचना जारी की गई।
नए कानून में प्रविधान किया गया है कि यदि कोई सेवा प्रदाता नकल करवाने में संलिप्त पाया जाता है, तो उस पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और परीक्षा का पूरा खर्च भी उसी से वसूला जाएगा। उसे चार साल तक किसी भी परीक्षा का संचालन करने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
दोष सिद्ध होने पर सेवा प्रदाता कंपनी के निदेशक या अन्य कर्मियों को तीन से 10 साल तक की सजा हो सकती है। ऐसे मामलों की पुलिस उप अधीक्षक स्तर के अधिकारी जांच करेंगे। सरकार किसी भी जांच एजेंसी को जांच के लिए मामला सौंप सकेगी।
सरकार ने पेपर लीक के मामले सामने आने के बाद कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भंग किया था। अब आयोग का नए सिरे से गठन किया गया है। पिछले कुछ वर्षों में राज्य में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक और संगठित नकल के कई मामले सामने आए हैं।

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