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आइआइटी मंडी में नैनो टेक्नोलॉजी पर होगी अंतरराष्ट्रीय वर्कशॉप

जागरण संवाददाता, मंडी : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आइआइटी मंडी में नैनो टेक्नोलॉजी पर अंतरराष्

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Aug 2018 11:38 PM (IST)Updated: Fri, 03 Aug 2018 11:38 PM (IST)
आइआइटी मंडी में नैनो टेक्नोलॉजी पर होगी अंतरराष्ट्रीय वर्कशॉप
आइआइटी मंडी में नैनो टेक्नोलॉजी पर होगी अंतरराष्ट्रीय वर्कशॉप

जागरण संवाददाता, मंडी : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आइआइटी मंडी में नैनो टेक्नोलॉजी पर अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन होगा। कार्यशाला का मकसद पूरी दुनिया के इंजीनियरों, उद्यमियों, वैज्ञानिको और शोधकर्ताओं को एक मंच पर लाना है। इसमें नैनो, माइक्रो, 2डी 3डी फैब्रिकेशन टेक्नोजॉजी में हाल ही में हुई प्रगति पर चर्चा होगी। कार्यशाला का आयोजन 31 अक्टूबर से दो नवंबर तक होगा। इससे स्वदेशी जैव चिकित्सा उपकरणों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा।

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आइआइटी मंडी के इंटेल प्रोजेक्ट की शुरुआत उन्नत लिथोग्राफ्री रेसिस्ट टेक्नॉलॉजी के एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ प्रोफेसर केनेथ गोंजाल्विस ने की थी। अमेरिका, ताइवान और सिंगापुर के उद्योग व शिक्षा जगत के मार्गदर्शकों के साथ उन्नत लिथोग्राफ्री पर भारत में पहली कार्यशाला होगी। लिथोग्राफी समस्त इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस फैब्रिकेशन की कड़ी का मुख्य आधार है। आइआइटी मंडी मल्टीपल लिथोग्राफी एप्लिकेशन के लिए आधुनिक रेसिस्ट्स विकसित करने वाला देश का एकमात्र संस्थान है।

लिथोग्राफ्री इन सभी उपकरणों के निर्माण का मूलभूत चरण है। हिमाचल में 'सिलिकॉन माउंटेन वैली विकास करने के उद्देश्य से आवश्यक उद्योग जगत और सार्वजनिक क्षेत्र से साझेदारी करने और सरकार का समर्थन जुटाने की दिशा में संस्थान ने एक पहल की है। संस्थान डिवाइस के फ्रेब्रिकेशन के लिए एक स्वच्छ कमरे में 100 लोगों के लिए अत्याधुनिक क्लास का उद्घाटन करेगा। यह एकमात्र संस्थान होगा जिसका देश में उच्च तकनीक का ऐसा केंद्र होगा। इसमें हीलियम आयन डुअल मास्कलेस नैनो पैटर्निंग और इमेजिंग टूल्स होंगे। इनकी क्षमता 5 एनएम तक हाफ पिच स्केल की होगी।

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विषय व वक्ता :

-कम्प्युटेशनल इमेजिंग: स्केलिंग वाल्स - डॉ विवेक सिंह (इंटेल फेलो और कम्प्युटेशनल इमेजिंग प्रौद्योगिकी विभाग, अमेरिका के निदेशक)

-ईयूवी लिथोग्राफ्री: वर्तमान स्थिति एवं बाकी चुनौतिया - डॉ पैट्रिक नौल्यू (सेंटर फॉर एक्स-रे ऑप्टिक्स, बर्कले लैब, अमेरिका के निदेशक)

-हेटरोजीनस इंटीग्रेशन फॉर बायोमेडिकल इंस्ट्रुमेंटेशन एंड सेंसिंग - डॉ नैन मरी जोक‌र्स्ट (ड्यूक यूनिवर्सिटी अमेरिका)

-अल्ट्रासेंसिटिव कार्बन नैनोट्यूब्स और किफायती पि्रंटिंग: प्वाइंट-ऑफ-केयर फॅयोमेडिकल डायग्नास्टिक्स के लिए - डॉ आरोन फ्रेंकलिन (ड्यूक यूनिवर्सिटी अमेरिका)

-आइआइटी मंडी में एमयूवी डीयूवी ईयूवी फोटोन्स, इलेक्ट्रॉन्स और आयान लिथोग्राफ्रीज़ के लिए रेसिस्ट टेक्नोलोजी का विकास-डॉ. केनेथ ई गोन्ज़ाल्विस (विशिष्ट प्रोफेसर, आइआइटी मंडी)


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