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    नेताओं के बाद अब उनके समर्थक आमने-सामने

    By Hansraj SainiEdited By: Jagran News Network
    Updated: Thu, 09 Oct 2025 10:24 PM (IST)

    हिमाचल भाजपा के भीतर चल रही खींचतान का असर अब

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    नेताओं के बाद अब उनके समर्थक आमने-सामने

    -इंटरनेट मीडिया पर छिड़ी ठाकुर, ब्राह्मण की जुबानी जंग

    -अनुराग समर्थक महेश सिपहिया ने लिखा, एक मूर्ख पंडित ने हिमाचल के दो ठाकुरों में मतभेद करवा दिए

    -सिपहिया पर जयराम समर्थक आरसी शर्मा का पलटवार, ब्राह्मणों को मूर्ख कहना घटिया मानसिकता

    हंसराज सैनी, जागरण

    मंडी : हिमाचल भाजपा के भीतर खींचतान का असर इंटरनेट मीडिया पर दिखने लगा है। इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों पर सांसद अनुराग ठाकुर और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के समर्थक आमने-सामने आ गए हैं। पार्टी की अंदरूनी राजनीति जातीय रंग लेती दिख रही है। इंटरनेट मीडिया पर ठाकुर- ब्राह्मण की जुबानी जंग छिड़ी है। प्रदेश के बड़े नेताओं के बीच मतभेद अब उनके समर्थकों तक पहुंच गए हैं।

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    जयराम ठाकुर ने मंगलवार को मंडी के सेरी मंच पर भाजयुमो के स्वागत समारोह में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में अन्य बड़े नेताओं के क्षेत्रों में पार्टी के प्रदर्शन पर सवाल उठाए थे। उनके निशाने पर परोक्ष तौर पर अनुराग ठाकुर थे। इससे अनुराग समर्थक असहज हो गए। मामले ने उस समय तूल पकड़ा जब अनुराग समर्थक महेश सिपहिया ने फेसबुक पर विवादित पोस्ट डाली। उन्होंने लिखा, 'एक मूर्ख पंडित ने हिमाचल के दो ठाकुरों में मतभेद करवा दिए। मुख्यमंत्री छोड़ो, यह अपनी पंचायत में प्रधान का चुनाव भी हारा है।' इस पोस्ट से राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई। पोस्ट में नाम तो नहीं लिया गया, लेकिन साफ था कि निशाना जयराम समर्थक मंडी जिला भाजपा अध्यक्ष निहाल चंद शर्मा पर साधा गया था।

    हमारा मुख्यमंत्री कैसा हो अनुराग ठाकुर जैसा हो नारे लगवाने का सूत्रधार भी महेश सिपहिया को माना जा रहा है। सिपहिया की इस टिप्पणी पर जयराम समर्थक आरसी शर्मा ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों को मूर्ख कहना या उन्हें राजनीति की चालों का दोषी ठहराना बेहद घटिया मानसिकता का परिचायक है। जब प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने थे तो पंडित सुखराम जैसे ब्राह्मण नेता ने ही उनके पक्ष में निर्णायक भूमिका निभाई थी। शर्मा ने सिपहिया पर जातिगत आधार पर राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे लोग पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह विवाद अब पार्टी के प्रदेश व राष्ट्रीय नेतृत्व तक पहुंच चुका है। संगठन स्तर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई पर विचार हो रहा है।