मासूम प्रफुल्ल ने बचाई थीं बीस जानें
हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के सरकाघाट के लाडले प्रफुल्ल को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चुना है। प्रफुल्ल ने 20 बच्चों की जान बचाई थी।
धर्मपुर [उमेश ललित]: हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के सरकाघाट के लाडले प्रफुल्ल को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चुने जाने की घोषणा से पूरे क्षेत्र में दीवाली का माहौल है। मासूम प्रफुल्ल ने बीस सहपाठियों की जान बचाने का साहसिक कार्य किया था। 23 जनवरी को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री उसे सम्मानित करेंगे। सरकाघाट उपमंडल के बरछवाड़ गांव में जन्में प्रफुल्ल शर्मा के पिता नरेश कमल शारीरिक शिक्षक हैं जबकि माता अनुबाला गृहिणी हैं।
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घटना 13 अक्टूबर 2015 की है, जब लॉर्ड कॉन्वेंट स्कूल की बस छात्रों को एजुकेशन टूर पर धर्मशाला लेकर गई। लौटते समय धर्मपुर के पास शिवद्वाला में बस कुछ समय के लिए चायपान के लिए रुकी। ड्राइवर भी बस को सड़क के किनारे खड़ा कर चाय पीने चला गया। बस में तब 20 बच्चे बैठे थे। अचानक बस पीछे की ओर ढलान पर सरकने लगी। लोग हक्के-बक्के देखने लगे लेकिन बस के नजदीक जाने का साहस कोई नहीं जुटा पाया।
आठवीं कक्षा में पढ़ने वाला प्रफुल्ल, जो बस की पिछली सीट पर बैठा था, ने अद्भुत साहस व परिपक्वता का परिचय देते हुए ब्रेक दबा दी, जिससे बस रुक गई। अगर बस कुछ मीटर दूर और सरकी होती तो गहरी खाई में समा जाती।
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प्रफुल्ल का राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चयन होने पर क्षेत्र में जश्न का माहौल है। प्रफुल्ल के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। विधायक कर्नल इंद्र सिंह, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार व पूर्व मंत्री रंगीला राम राव, प्रदेश वन निगम के निदेशक यदुपति ठाकुर, लॉर्ड कॉन्वेंट स्कूल सरकाघाट के चेयरमैन कर्नल बलवंत सिंह बराड़ी सहित कई सामाजिक संगठनों व पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रफुल्ल व उसके परिवार को बधाई दी है।
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