Thunag Court: फाइलें नहीं जाएंगी गोहर, अक्टूबर से थुनाग में ही चलेगा कोर्ट
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने थुनाग न्यायालय का दौरा किया और अक्टूबर से कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए। बाढ़ से प्रभावित वकीलों को राहत दी गई। बार एसोसिएशन ने नियमित जज की नियुक्ति का अनुरोध किया क्योंकि आपदा के कारण कोर्ट तीन महीने से बंद है जिससे न्याय में देरी हो रही है। जस्टिस गोयल ने जल्द समाधान का आश्वासन दिया।

संवाद सहयोगी, थुनाग। प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने शनिवार को थुनाग न्यायालय का दौरा किया। कोर्ट परिसर का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने अक्टूबर से कोर्ट की कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी आदेश दिया कि जिन वकीलों के चैंबर बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें फाइलें तैयार करने के लिए नकल पर्चा भरने से छूट दी जाए।
शनिवार दोपहर को दोपहर बाद जस्टिस अजय मोहन गोयल थुनाग कोर्ट परिसर पहुंचे। यहां बार एसोसिएशन सराज के अध्यक्ष हेम सिंह ठाकुर ने उनसे थुनाग में नियमित जज की नियुक्ति का अनुरोध किया।
30 जून को आई भीषण आपदा के बाद से तीन माह से सिविल कोर्ट की कार्रवाई बंद है, जिससे स्थानीय लोगों को न्याय मिलने में देरी हो रही है। उन्होंने कोर्ट को जल्द बहाल करने की मांग की। जस्टिस गोयल ने सकारात्मक रुख दिखाते हुए आश्वासन दिया कि कोर्ट जल्द कार्यशील होगा।
इस अवसर पर जिला सेशन जज पारस डोगर, सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण मंडी विवेक कायस्थ, सिविल जज थुनाग प्रिया डोगरा, एसडीएम थुनाग रमेश कुमार, हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल के सदस्य नंद लाल, बार एसोसिएशन के सचिव हुकुम सिंह मौजूद रहे।
बता दें के सराज में आई बाढ़ के बाद उच्च न्यायालय ने थुनाग के सब जज कोर्ट को अस्थाई तौर पर थुनाग से बदलकर गोहर चलाने का आदेश दिया किए थे जिसके तुरंत बाद थुनाग पंचायत ने सराज के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा था, जिसके बाद अब माननीय उच्च न्यायालय ने आपदाग्रस्त सराज क्षेत्र में न्यायिक सेवाओं को बहाल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
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