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    पास्टर बजिंदर को उम्रकैद कराने वाली महिला के पति पर रेप की कहानी निकली झूठी, ऐसे रची थी साजिश; पुलिस ने खोली पोल

    Updated: Wed, 11 Jun 2025 09:04 AM (IST)

    मंडी में पास्टर बजिंदर सिंह को दुष्कर्म के मामले में सजा दिलाने वाली महिला के पति सरबजीत सिंह पर सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा झूठा निकला। रूपनगर के गुरनाम सिंह ने फर्जी जमानत याचिका तैयार करवाई। महिला ने आरोप लगाया था कि उसे कहानी गढ़ने के बदले मोटी रकम का वादा किया गया था।

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    सरबजीत सिंह पर दुष्कर्म का आरोप निकला झूठा।

    जागरण संवाददाता, मंडी। पास्टर बजिंदर सिंह को दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा कराने वाली महिला के पति सरबजीत सिंह पर हिमाचल के मंडी जिले के थाना बल्ह में दर्ज कवाया गया सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा फर्जी निकला है। सरबजीत व उसकी पत्नी के नाम से कोर्ट में फर्जी जमानत याचिका की साजिश रचने का भी भंडाफोड़ हुआ है।

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    इसमें रूपनगर निवासी गुरनाम सिंह का नाम मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आया है। गुरनाम सिंह रूपनगर में एक अधिवक्ता का मुंशी रह चुका है। उसने सरबजीत व उसकी पत्नी अमनप्रीत कौर की जमानत याचिका से संबंधित दस्तावेज व याचिका तैयार करवाई और पूरी फाइल रूपनगर से सुंदरनगर भेजी। अपने दो परिचित लोगों को सुंदरनगर भेजकर वहां की अधिवक्ता सत्या को फाइल सौंपी और 25,000 रुपये फीस नकद दी।

    जब अधिवक्ता ने आरोपितों की व्यक्तिगत उपस्थिति की बात उठाई तो गुरनाम सिंह ने बहाना बनाया कि उनकी जान को खतरा है इसीलिए वे खुद नहीं आ सकते हैं। अधिवक्ता को यह भनक तक नहीं लगी कि दस्तावेज फर्जी हैं। सरबजीत की जमानत याचिका छह जून को मंडी के न्यायालय ने खारिज कर दी थी। अमनप्रीत कौर की याचिका पर 17 जून को सुनवाई निर्धारित है।

    उधर, बल्ह पुलिस की जांच में सामने आया कि 22 मई को दुष्कर्म होने का आरोप लगाने वाली पीड़ित महिला मात्र एक मोहरा थी, पर्दे के पीछे साजिश कोई और रच रहा था। महिला को यह कहानी गढ़ने के बदले मोटी रकम देने का वादा किया गया था। पुलिस जांच, सीसीटीवी व मोबाइल फोन लोकेशन से पता चला है कि आरोप लगाने वाली महिला 22 मई की रात 10:30 बजे एक गाड़ी में मोहाली से निकली थी।

    वह 23 मई की सुबह चार बजे बल्ह उपमंडल के एक होटल के पास देखी गई। 23 मई को दोपहर 12:30 बजे उसकी मोबाइल फोन लोकेशन कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर नयना देवी चौक के पास पाई गई यानी आठ घंटे बाद चंडीगढ़ लौट गई थी। सभी साक्ष्य इस ओर संकेत करते हैं कि महिला द्वारा की गई शिकायत तथ्यों पर आधारित नहीं है। सरबजीत व उसकी पत्नी अमनप्रीत कौर कभी हिमाचल आए ही नहीं।

    दोनों 22 मई से सात जून तक अपने घर में थे। घर में लगे सीसीटीवी कैमरा की फुटेज, सुरक्षाकर्मियों व आसपास के लोगों से पूछताछ में यह बात स्पष्ट हुई है। 22 मई को सरबजीत ने एक प्रदर्शन में भाग लिया था। उसके साथ सुरक्षा कर्मी भी था जो उसे हाईकोर्ट के आदेश पर मिला है। बल्ह पुलिस ने अब कथित पीड़िता को भी पूछताछ के लिए तलब करने का निर्णय लिया है।