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    क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी: हिमाचल में 2000 करोड़ रुपये की ठगी करनेवाला सुभाष भगोड़ा घोषित, गाढ़ी कमाई हड़पने का आरोप

    Updated: Thu, 05 Jun 2025 11:20 AM (IST)

    क्रिप्टो करेंसी निवेश योजना में 2000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मुख्य आरोपी सुभाष शर्मा को शिमला न्यायालय ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। मंडी के रहने वाले सुभाष पर 80000 से अधिक लोगों को क्रिप्टो करेंसी में मुनाफे का लालच देकर ठगने का आरोप है। दो साल पहले वह परिवार सहित दुबई भाग गया था।

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    हिमाचल में क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी करना वाला भगोड़ा घोषित

    जागरण संवाददाता, मंडी। क्रिप्टो करेंसी निवेश योजना के नाम पर 2000 करोड़ रुपये की ठगी के मुख्य आरोपित सुभाष शर्मा को विशेष न्यायाधीश शिमला के न्यायालय ने उद्घोषित अपराधी घोषित कर दिया है।

    मंडी शहर के भगवाहन मोहल्ला के मकान नंबर 86/9 के रहने वाले सुभाष शर्मा पर प्रदेश के 80,000 से अधिक लोगों को क्रिप्टो करेंसी में भारी मुनाफे का लालच देकर उनकी गाढ़ी कमाई हड़पने का आरोप है।

    इस मामले का अभियोग विशेष न्यायाधीश शिमला के न्यायालय में चल रहा है। करीब दो वर्ष पहले मामला सामने आने के बाद सुभाष शर्मा पत्नी व बेटे सहित दुबई भाग गया था। न्यायालय ने उसके खिलाफ दो बार गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। कोई सुराग न लगने पर पुलिस ने न्यायालय से उसे उद्घोषित अपराधी घोषित करने का आवेदन किया था।

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    मामले की सुनवाई दो जून को हुई, लेकिन आरोपित सुभाष शर्मा फिर न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ। इससे पहले न्यायालय ने सुभाष शर्मा को पेश होने के लिए उद्घोषणा आदेश जारी किया था। इसे निष्पादित करने का जिम्मा थाना धर्मशाला के कॉन्स्टेबल विनोद कुमार को सौंपा था।

    विनोद कुमार ने न्यायालय में उद्घोषणा की निष्पादन प्रक्रिया का विस्तृत विवरण दिया। उनके अनुसार 24 अप्रैल को उद्घोषणा की तीन प्रतियों को नियमानुसार अलग-अलग सार्वजनिक स्थलों पर चिपकाया गया।

    पहली प्रति आरोपित के स्थायी निवास ग्राम पिंगला, तहसील सरकाघाट, जिला मंडी में उसके घर के बाहर गवाह उप प्रधान विनोद कुमार की उपस्थिति में चिपकाई गई। दूसरी प्रति वार्ड सदस्य सुनीता देवी की उपस्थिति में पंचायत पिंगला के सार्वजनिक नोटिस बोर्ड पर और तीसरी प्रति कॉन्स्टेबल गौरव शर्मा (नायब कोर्ट) की उपस्थिति में विशेष न्यायाधीश शिमला के नोटिस बोर्ड पर चस्पा की गई।

    कॉन्स्टेबल विनोद कुमार ने उद्घोषणा के संबंध में रिपोर्ट (एक्सटेंशन पीबी) न्यायालय में प्रस्तुत की। रिपोर्ट और बयान के अवलोकन के पश्चात विशेष न्यायाधीश दविंदर कुमार ने पाया कि अभियुक्त सुभाष शर्मा उद्घोषणा के बावजूद जानबूझकर न्यायालय में हाजिर नहीं हुआ है और न्यायिक प्रक्रिया से भाग रहा है। अतः उसे उद्घोषित अपराधी घोषित किया गया।

    न्यायालय ने आदेश दिया कि इस संबंध में पारित आदेश की एक प्रति पुलिस अधीक्षक शिमला को भेजी जाए, ताकि अभियुक्त सुभाष शर्मा का नाम उद्घोषित अपराधी रजिस्टर में दर्ज किया जा सके। इसके साथ ही न्यायालय ने कार्यवाही को समाप्त कर आदेश को मुख्य केस फाइल के साथ टैग करने का निर्देश भी दिया।

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