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    Mandi Flood: मंडी में तबाही की शीतला माता ने पहले ही दे दी थी चेतावनी, पूरी तरह सच साबित हुई भविष्यवाणी

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 09:17 AM (IST)

    मंडी जिले के धर्मपुर में सोन खड्ड में आई बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। बस स्टैंड के साथ-साथ शीतला माता का चबूतरा भी क्षतिग्रस्त हो गया है। राजस्थान से लाई गई मूर्ति भी पानी में डूब गई। ग्रामीणों के अनुसार माता ने पहले ही आपदा की चेतावनी दी थी जिसे गंभीरता से नहीं लिया गया। स्थानीय लोग अब चेतावनियों को नजरअंदाज न करने की बात कर रहे हैं।

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    सैलाब ने इस बार आस्था के केंद्र शीतला माता के चबूतरे को भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया।

    हंसराज सैनी, मंडी। धर्मपुर की सोन खड्ड में आए भीषण सैलाब ने इस बार सिर्फ बस स्टैंड और बसों को ही नहीं डुबोया, बल्कि लोगों की आस्था के केंद्र शीतला माता के चबूतरे को भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। सोमवार रात को आई इस आपदा में राजस्थान से लाई गई माता की मूर्ति भी पानी में डूब गई। मंगलवार सुबह यह दृश्य देखकर लोगों के आंसू नहीं थम रहे थे।

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    14 जून को दी थी चेतावनी

    ग्रामीणों के अनुसार 14 जून को माता ने अपने गूर के माध्यम से यह भविष्यवाणी की थी कि इस बार प्राकृतिक आपदा का खतरा बड़ा है, यहां तक कि मेरा मंदिर भी सुरक्षित नहीं रहेगा। लेकिन किसी ने इस चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया। यह पहली बार नहीं था, वर्ष 2013 में भी माता ने आपदा को लेकर चेताया था, जो सच निकला था।

    बस स्टैंड की पहचान था यह चबूतरा

    धर्मपुर बस स्टैंड के भीतर बना शीतला माता का चबूतरा यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए श्रद्धा का प्रतीक था। बस में बैठने से पहले लोग यहां माथा टेकते थे। लेकिन इस बार जब सोन खड्ड का पानी अड्डे में घुसा तो सब कुछ बहा ले गया। चबूतरा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और मूर्ति भी पूरी तरह जलमग्न हो गई।

    आंखों में आंसू, होंठों पर पछतावा

    मंगलवार सुबह स्थानीय लोग जब यहां पहुंचे तो उनका दर्द छलक उठा। माता ने पहले ही चेताया था, लेकिन हमने उसकी गंभीरता को नहीं समझा, एक महिला ने रोते हुए कहा। कई लोग चबूतरे के अवशेषों के पास खड़े होकर मौन प्रार्थना कर रहे थे।

    स्थानीय निवासी कहते हैं कि यह चबूतरा सिर्फ पत्थर नहीं था, बल्कि हमारी आस्था का प्रतीक था। एचआरटीसी प्रबंधन ने इसका निर्माण करवाया था।

    लोग अब मान रहे हैं कि धार्मिक या स्थानीय चेतावनियों को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। प्रशासन ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में राहत व बचाव कार्य जारी है, और चबूतरे को दोबारा बनाने पर विचार होगा।