पीने योग्य नहीं शीतला माता बावड़ी, वासनी नौण का पानी
संवाद सहयोगी मंडी नगर निगम के पुरानी मंडी वार्ड में प्राकृतिक जल स्रोत (बावड़ी) व वासनी

संवाद सहयोगी, मंडी : नगर निगम के पुरानी मंडी वार्ड में प्राकृतिक जल स्रोत (बावड़ी) व वासनी के नौण (जल स्रोत) का पानी पीने योग्य नहीं है। जलशक्ति विभाग की लैब में दोनों स्रोतों से लिए गए पानी के सैंपल कसौटी पर खरे नहीं उतरे हैं। जलशक्ति विभाग ने इन स्रोतों की साफ-सफाई व क्लोरीनेशन के बाद फिर सैंपल जांच के लिए भेजने का निर्णय लिया है।
नगर निगम के वार्डों में प्राकृतिक जल स्रोत काफी संख्या में हैं। कुछ प्राचीन जल स्रोत अनदेखी के कारण अस्तित्व खो चुके हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो बेहद खस्ताहालत में हैं। नगर निगम के पुरानी मंडी वार्ड में शीतला माता मंदिर के पास रियासतकालीन प्राकृतिक जल स्रोत है। इसके पानी का इस्तेमाल समूची पुरानी मंडी के लोग करते थे। हर घर में नल लगने से इन जल स्रोतों पर लोगों की निर्भरता कम हुई है, लेकिन फिर भी ऐसे लोगों की संख्या सैकड़ों में है जो सुबह शाम प्राचीन जल स्त्रोतों के पानी का उपयोग करते हैं। गर्मी के सीजन में पेयजल दूषित होने की किसी भी आशंका को खत्म करने के मकसद से स्थानीय वार्ड के पार्षद ने पेयजल की जांच करने का निर्णय लिया।
जलशक्ति विभाग की टीम ने शीतला माता मंदिर के निकट बावड़ी, जागृति अस्पताल के साथ सटी बावड़ी तथा वासनी में प्राकृतिक जल स्रोत के पानी के सैंपल हासिल कर इसे विभागीय प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा था। प्रयोगशाला में शीतला माता मंदिर के निकट बावड़ी समेत वासनी में प्राकृतिक जल स्रोत के पानी के सैंपल कसौटी पर खरे नहीं उतरने का पता चला है। हैरानी की बात है कि इन दोनों जल स्रोतों में लोगों के लिए किसी तरह के चेतावनी बोर्ड नहीं लगाए गए हैं। चिलचिलाती गर्मी में लोग अनजाने में इन जल स्रोतों के पानी सेवन कर रहे हैं जो कभी भी बड़ी परेशानी का समय बन सकता है। शीतला माता मंदिर के निकट प्राचीन जल स्रोत के पानी के दूषित होने की वजह का अभी पता नहीं चल पाया है। क्यास लगाए जा रहे है कि आस पास बिछाई जाने वाली सीवरेज लाइन से गंदगी का रिसाव भी इसका कारण हो सकता है। पुरानी मंडी वार्ड के सभी प्राकृतिक जल स्रोतों के पानी की जांच करवाई गई है। शीतला माता मंदिर के निकट बावड़ी व वासनी के जल स्रोत के सैंपल जांच में सही नहीं पाए गए है। जलशक्ति विभाग साफ-सफाई व क्लोरीनेशन के बाद फिर इन जल स्रोतों के सैंपल लेकर लैब में जांच करेगा।
-वीरेंद्र भट्ट, डिप्टी मेयर नगर निगम मंडी।
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