Himachal News: प्राकृतिक खेती की सुगंध से महक रहा मंडी, किसानों की आय और उम्मीदें दोनों बढ़ीं
मंडी जिले में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग और आत्मा के सहयोग से किसानों के लिए समृद्धि का मार्ग खुल रहा है। 47410 से अधिक किसान 8257 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। सरकार ने 2025-26 के लिए समर्थन मूल्य में वृद्धि की है। मंडी जिले में 29.592 मीट्रिक टन गेहूं और 2.922 मीट्रिक टन हल्दी खरीदी जा चुकी है।

संवाद सहयोगी, मंडी। मंडी जिले में प्राकृतिक खेती की पहल ने किसानों के लिए समृद्धि और आत्मनिर्भरता का एक नया अध्याय खोला है।
प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत, हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (आत्मा) के सहयोग से यह अभियान अपनी पहचान बना रहा है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों को कम कर पर्यावरण को सुरक्षित रखना है, और इसके परिणाम अब साफ दिखाई दे रहे हैं।
47410 से अधिक किसान कर रहे खेती
मंडी जिले में 559 पंचायतों के 47,410 से अधिक किसान 8,257 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। राज्य और केंद्र सरकार की संयुक्त पहल के तहत, इस योजना को आत्मा परियोजना और भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति के साथ एकीकृत किया गया है, जिससे सरकारी बजट पर बोझ काफी कम हुआ है।
किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्राकृतिक खेती उत्पादों के लिए समर्थन मूल्य में भारी वृद्धि की है। अब गेहूं के लिए 60 रुपये प्रति किलोग्राम और मक्का के लिए 40 रुपये प्रति किलोग्राम का समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है, जो पूरे देश में सबसे अधिक है।
2.922 मीट्रिक टन हल्दी खरीदी जा चुकी
इस पहल के तहत, मंडी जिले में पहले ही 152 प्रमाणित किसानों से 29.592 मीट्रिक टन गेहूं और 2.922 मीट्रिक टन हल्दी की खरीद की जा चुकी है। 2024-25 में भी 328 किसानों से 65 मीट्रिक टन मक्का 30 रुपये प्रति किलोग्राम के समर्थन मूल्य पर खरीदा गया था।
सरकार ने 2025-26 के लिए एक लाख किसानों को प्राकृतिक खेती से जोडऩे का लक्ष्य रखा है, जिसमें से अकेले मंडी जिले का लक्ष्य 18,000 किसानों का है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है।
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत, मंडी में 50 क्लस्टर बनाए गए हैं, जहां किसानों को गहन प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, 33 जैव आदान संसाधन केंद्र भी खोले गए हैं, जो किसानों को जैविक इनपुट आसानी से उपलब्ध करा रहे हैं। इन प्रयासों से मंडी न केवल एक कृषि केंद्र के रूप में उभर रहा है, बल्कि यह पूरे राज्य और देश के लिए प्राकृतिक खेती का एक सफल माडल भी बन रहा है।
आत्मा परियोजना के अंतर्गत मंडी जिला से 18,000 किसानों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। इसपर परियोजना के तहत किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है।- राकेश कुमार, निदेशक आत्मा परियोजना मंडी।
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