Himachal News: मंडी के सोहर की मीनाक्षी ने रचा इतिहास, सिविल जज बनकर पिता का सपना किया पूरा
मंडी जिले के सुंदरनगर की मीनाक्षी ठाकुर ने सिविल जज बनकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की ज्यूडिशियल सर्विसेज परीक्षा में सफलता प्राप्त कर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया। मीनाक्षी बचपन से ही जज बनने का सपना देखती थी जिसे उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से पूरा किया। उनकी सफलता से पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है।

नीरू शर्मा, डैहर। साधारण ग्रामीण पृष्ठभूमि से निकलकर बड़े सपनों को साकार करने वाली सुंदरनगर क्षेत्र की बरोटी पंचायत के सोहर गांव की बेटी मीनाक्षी ठाकुर ने न्यायिक सेवा परीक्षा में सफलता पाकर सिविल जज के रूप में चयनित होकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
26 वर्षीय मीनाक्षी ने यह मुकाम हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित ज्यूडिशियल सर्विसेज परीक्षा में तीन चरणों मई, जुलाई और अंतिम परीक्षा 24 सितंबर में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद हासिल किया। 26 सितंबर को परिणाम घोषित होते ही पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई।
मीनाक्षी वर्तमान में हिमाचल प्रदेश नेशनल ला यूनिवर्सिटी घंदल (शिमला) से पीएचडी कर रही हैं। इससे पहले उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से बीएएलएलबी और राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी आफ ला पटियाला से एलएलएम की पढ़ाई की। उनकी प्रारंभिक शिक्षा डैहर के निजी पब्लिक स्कूल से हुई थी, जहां उन्होंने दसवीं तक नान-मेडिकल संकाय से पढ़ाई की।
बचपन से ही न्यायिक सेवा में जाने का सपना देखने वाली मीनाक्षी ने निरंतर मेहनत और अनुशासन के बल पर यह मुकाम हासिल किया। मीनाक्षी के पिता राकेश ठाकुर वर्तमान में शिक्षा विभाग में जेबीटी के रूप में कार्यरत हैं, जबकि माता अंजना देवी गृहिणी हैं।
पिता ने बताया कि उन्होंने भी कभी जज बनने का सपना देखा था, जो परिस्थितियों के कारण अधूरा रह गया। लेकिन उनकी बेटी ने वही सपना पूरा कर न केवल परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र का मान बढ़ाया है। जब मीनाक्षी पहली कक्षा में पढ़ती थीं, तभी से वह ‘जज’ बनने की रट लगाती थीं, जो धीरे-धीरे उनका लक्ष्य बन गई और आज उनकी मेहनत रंग लाई।
मीनाक्षी का छोटा भाई राघवीर सिंह (23 वर्ष) भी ला ग्रैजुएट है। वर्तमान में चंडीगढ़ में ज्यूडिशियल सर्विसेज की तैयारी कर रहा है। पिता का कहना है कि बेटी की सफलता ने बेटे को भी उसी राह पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। मीनाक्षी की इस उपलब्धि से सोहर गांव और सुंदरनगर क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल है।
लोग उन्हें और उनके परिवार को बधाई दे रहे हैं। स्थानीय लोग मानते हैं कि मीनाक्षी ने यह साबित किया है कि लक्ष्य के प्रति समर्पण और कठोर परिश्रम से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है। न्यायिक सेवा में उनका चयन एक लंबी और सफल यात्रा की शुरुआत माना जा रहा है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।