क्षतिग्रस्त दीवारें और धंसती जमीन, 16 करोड़ की लागत से बने जोगिंदरनगर मिनी सचिवालय पर मंडरा रहा संकट
जोगिंदरनगर के मिनी सचिवालय की सुरक्षा दीवारें और खंभे क्षतिग्रस्त हो गए हैं जिससे सरकारी आवासों को खतरा है। जमीन धंसने से पांच मंजिला इमारत पर संकट मंडरा रहा है। लगभग 16 करोड़ रुपये की लागत से बने इस भवन में कई सरकारी कार्यालय हैं। बजट की कमी के कारण रखरखाव कार्य रुका हुआ है। तहसीलदार ने प्रशासन को सूचित कर बजट सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

संवाद सहयोगी, जोगेंद्रनगर। मिनी सचिवालय जोगेंद्रनगर की सुरक्षा दीवारों और पीलरों में दरारें आने से सरकारी आवास खतरे की जद में आ गए हैं। जमीन धंसने से बहुमंजिला इमारत के कुछ हिस्सों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
पांच मंजिला इस भवन की सुरक्षा दीवारें और पीलर क्षतिग्रस्त हो जाने से किसी भी समय बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। लगभग 16 करोड़ रुपये से अधिक लागत से बने इस भवन में एसडीएम कार्यालय की विभिन्न शाखाओं के अलावा नगर परिषद, शिक्षा विभाग, तहसील कल्याण अधिकारी, श्रम विभाग और न्यायालय की गतिविधियां संचालित हो रही हैं।
रोजाना यहां बड़ी संख्या में लोग सरकारी कार्यों के लिए पहुंचते हैं, जिससे संभावित खतरा और भी गंभीर हो जाता है। एसडीएम कार्यालय के साथ लगते आवासीय परिसर में भी जमीन धंसने से सुरक्षा दीवारें खोखली हो गई हैं।
इनके अचानक गिरने से न केवल सरकारी आवासों को नुकसान पहुंच सकता है, बल्कि वहां रह रहे अधिकारी, कर्मचारी और आने-जाने वाले आम लोग भी संकट में पड़ सकते हैं। सचिवालय भवन के रखरखाव पर बजट की कमी के चलते मरम्मत कार्य लंबे समय से ठप पड़े हुए हैं।
दीवारों में पानी के रिसाव और अब आई दरारों ने रखरखाव व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग और कर्मचारी लगातार सुरक्षा को लेकर चिंता जता रहे हैं। तहसीलदार जोगेंद्रनगर डा. मुकुल अनिल शर्मा ने बताया कि मिनी सचिवालय भवन की सुरक्षा दीवारों में आई दरारों की जानकारी मिली है।
इसे प्रशासन के ध्यान में लाकर आगामी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, भवन के रखरखाव को लेकर बजट की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन से पत्राचार किया जाएगा।
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