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    Mandi IIT करेगा चौथे हिमाचल साइंस कांग्रेस की मेजबानी, आठ से 10 अप्रैल तक होगा आयोजन

    Updated: Mon, 29 Jan 2024 03:27 PM (IST)

    भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) चौथे हिमाचल साइंस कांग्रेस की मेजबानी करेगा। हिमाचल विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद कार्यक्रम के आयोजन मे ...और पढ़ें

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    Mandi ITI करेगा चौथे हिमाचल साइंस कांग्रेस की मेजबानी

    जागरण संवाददाता, मंडी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) चौथे हिमाचल साइंस कांग्रेस की मेजबानी करेगा। हिमाचल विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद कार्यक्रम के आयोजन में सहयोग कर रही है। कार्यक्रम का आयोजन आठ से 10 अप्रैल तक होगा। आइआइटी प्रबंधन ने परिसर में आयोजन की तैयारियां पूरी कर ली है। 

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    विभिन्न ग्रामीण प्रौद्योगिकी की एक प्रदर्शनी लगाई जाएगी

    सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार की भूमिका कार्यक्रम का विषय सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार की भूमिका क्या है। चौथे हिमाचल साइंस कांग्रेस का मुख्य विषय है। कार्यक्रम में प्रख्यात वैज्ञानिकों द्वारा समसामयिक मुद्दों पर लोकप्रिय व्याख्यान, शोधार्थियों द्वारा पेपर प्रस्तुति और विभिन्न ग्रामीण प्रौद्योगिकी की एक प्रदर्शनी लगाई जाएगी। 

    बुद्धिजीवियों व वैज्ञानिकों को एक मंच पर लाना प्राथमिक उद्देश्य

    प्रदेश के भीतर और बाहर विभिन्न संस्थानों के बुद्धिजीवियों व वैज्ञानिकों को एक मंच पर लाना प्राथमिक उद्देश्य साइंस कांग्रेस का प्राथमिक उद्देश्य प्रदेश के भीतर और बाहर विभिन्न संस्थानों के बुद्धिजीवियों, वैज्ञानिकों और शोधार्थियों को एक साथ लाना, नवीन विचारों,आविष्कारों और बौद्धिक रचनाओं के आदान प्रदान को बढ़ावा देना है। इस सहयोग का उद्देश्य आयोजन की थीम के अनुरूप बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सुविधाओं और सामाजिक, आर्थिक विकास में प्रगति के अनुप्रयोग की नींव रखना है। 

    सार प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 20 फरवरी 

    आइआइटी मंडी और हिमकॉस्ट ने विश्वविद्यालयों अनुसंधान संस्थानों और कॉलेजों के वैज्ञानिकों और छात्रों को आगामी विज्ञान कांग्रेस के लिए अपने सार प्रस्तुत करने के लिए निमंत्रण दिया है। सार प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 20 फरवरी है। प्रस्तुत करने के विषय क्षेत्र कृषि, बागवानी और वन विज्ञान, जैव रसायन, सूक्ष्म जीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, आपदा प्रबंधन, पारिस्थितिकी और पर्यावरण विज्ञान ग्रामीण प्रौद्योगिकी,गणित, भौतिक विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी, वनस्पति विज्ञान, प्राणी शास्त्र और पशुपालन रासायनिक विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान और नवीकरणीय ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, इंजीनियरिंग विज्ञान, आईटी और कंप्यूटर विज्ञान, एआई और डेटा विज्ञान, भू.स्थानिक प्रौद्योगिकी शामिल हैं। 

    पारंपरिक ज्ञान नवाचार और बौद्धिक संपदा अधिकार 

    आइआइटी मंडी के निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा कि वह हिमाचल के युवाओं की बुद्धि और नवाचार के तालमेल को देखकर रोमांचित हैं। हिमाचल साइंस कांग्रेस अन्वेषण और सहयोग की भावना का प्रतीक है जो परिवर्तनकारी खोज का मार्ग प्रशस्त करती है। विज्ञान,प्रौद्योगिकी एवं नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के हस्तक्षेप के माध्यम से पहचानी गई समस्याओं का समाधान प्रदान करना है। आइआइटी मंडी के प्रो.तुषार जैन प्रमुख सतत शिक्षा केंद्र ने कहा कि हिमाचल के युवाओं में प्रतिभाशाली विद्वानों और नवीन विचारों ज्ञान और सतत विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। 

    कार्यक्रम में कुलपति सम्मेलन भी होगा

    कुलपति सम्मेलन का आयोजन हाेगा कार्यक्रम में कुलपति सम्मेलन भी होगा। इसमें हिमाचल प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति और संस्थानों के निदेशक शामिल होंगे। एक पैनल चर्चा में राज्य के सतत विकास के लिए विज्ञान,प्रौद्योगिकी और नवाचार पर विचार विमर्श किया जाएगा।