मंडी जिले में भारी वर्षा और आपदा के चलते बागवानों को 40 करोड़ रुपये का नुकसान, सराज ब्लॉक सबसे अधिक प्रभावित
मंडी जिले में भारी वर्षा और आपदा के चलते बागवानी क्षेत्र को 40 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सराज ब्लॉक सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। सेब नाशपाती अनार और अमरूद जैसी फसलों को भारी क्षति पहुंची है। लगभग 3211 किसान प्रभावित हुए हैं और 84772 फलदार पौधे नष्ट हो गए हैं। विभाग नुकसान का आकलन कर रहा है और सेब को मंडियों तक पहुंचाने का प्रयास जारी है।

संवाद सहयोगी, मंडी। मंडी जिले में तीन माह में हुई भारी वर्षा के कारण बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने बागवानी क्षेत्र को 40 करोड़ के करीब नुकसान हुआ है। इस आपदा में बागवानी विभाग के जिला में आठ ब्लॉकों जिनमें सराज, बालीचौकी, गोरह, धर्मपुर, करसोग, चौंतड़ा, सदर, द्रंग के 3211 किसान प्रभावित हुए हैं।
आपदा में बागवानों के सेब, स्टोन फ्रूट, बादाम, आम, अनार, अमरूद, नासपत्ती, रामफल और पालीहाऊस का नुकसान हुआ है। यह नुकसान विशेष रूप से सराज ब्लाक में सबसे अधिक दर्ज किया गया है, जहां कुल क्षति 33.10 करोड़ है।
जिले भर में 550.31 हेक्टेयर से अधिक का कृषि क्षेत्र प्रभावित हुआ है, जिसमें से 139.60 हेक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत से अधिक की क्षति हुई है। नुकसान का बड़ा हिस्सा सेब की फसल का है, जिसमें 2520 किसान प्रभावित हुए और 421.05 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल को क्षति पहुंची है।
उद्यान विभाग के अनुसार जिले के विभिन्न क्षेत्रों से 80 प्रतिशत के करीब सेब निकाल दिया गया है। सेब के अलावा, नाशपाती, नींबू, अमरूद, और तेंदु जैसी अन्य फलों की फसलों को भी नुकसान हुआ है। इस आपदा में 84,772 फलदार पौधे पूरी तरह से नष्ट हो गए जिससे बागवानों को भारी क्षति पहुंची है और 21,533 पौधे आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
कुल मिलाकर, 495.27 मीट्रिक टन फल की मात्रा और 86.4 मीट्रिक टन फल की गुणवत्ता का नुकसान भी हुआ है। सराज, गोहर और सदर जैसे क्षेत्रों में सेब की फसल को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची है, जबकि करसोग में अनार, नींबू और अमरूद की फसलों को भी नुकसान हुआ है। पालीहाउस को भी इस आपदा में नुकसान हुआ है। जिला मंडी में बागवानी और पालीहाउस फसलों का नुकसान 5.57 लाख के करीब हुआ है। है।
डॉ. संजय गुप्ता, उपनिदेशक, उद्यान विभाग मंडी ने बताया कि आपदा के कारण मंडी जिला के आठ ब्लाकों में 40 करोड़ के करीब का नुकसान हुआ है। विभाग की ओर से राेजाना नुकसान का आकलन किया जा रहा है। हालांकि 80 प्रतिशत के करीब सेब को निकाल दिया गया है और 20 प्रतिशत के करीब सेब तैयार हो गया है। विभाग की ओर से सेब को मंडियों और अन्य विक्रय स्थलों पर पहुंचाने के लिए कार्य किया जा रहा है।
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