हरिद्वार की तर्ज पर विकसित होंगे छोटी काशी के घाट
mandi ghaat like as haridwar, छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी शहर में शिवधाम बनेगा। 12 ज्योतिर्लिगों की स्थापना कर प्राचीन शहर को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा
जेएनएन, मंडी। छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी शहर में शिवधाम बनेगा। 12 ज्योतिर्लिगों की स्थापना कर प्राचीन शहर को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा। शहर के बीच से बहने वाली ब्यास नदी के दोनों तरफ घाट भी हरिद्वार की तर्ज पर विकसित होंगे। बनारस की तर्ज पर महाआरती करने की भी योजना है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा पेश बजट में इसकी घोषणा की गई। इससे क्षेत्र के लोगों में खुशी है। करीब पांच सौ साल पुराने मंडी शहर में आज भी सदियों पुराने मंदिर हैं।
रियासतकाल के मंदिर व किले आज भी लोगों की आस्था के केंद्र हैं। ब्यास किनारे बसे मंडी शहर को प्रदेश सरकार ने धार्मिक पर्यटन के केंद्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। जयराम ठाकुर ने अपने बजट भाषण के दौरान इसकी घोषणा की। मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ सटे इस शहर में सदियों पुराने मंदिर होने के कारण इसे छोटी काशी के रूप में भी जाना जाता है। कुल्लू मनाली की तरफ जाने वाले पर्यटकों का इस शहर में भी ठहराव संभव हो, इसके लिए इस शहर को टूरिस्ट डेस्टीनेशन के रूप में पहचान दिलाई जाएगी। रियासतकाल में शहर के घाटों का निर्माण हुआ है लेकिन लंबे समय तक घाटों का जीर्णोद्धार न होने से घाट बेनूर हो गए हैं।
ब्यास आरती अथवा अन्य किसी धार्मिक आयोजन के दौरान ब्यास में मूर्ति विसर्जित करने के दौरान कोई अप्रिय घटना घटित न हो, इसके लिए ब्यास की तलहटी तक सुरक्षित ढंग से घाटों का निर्माण किया जा रहा है। यही नहीं ब्यास किनारे श्मशानघाटों का भी आधुनिकीकरण किया जा रहा है। घाटों में रात्रिकाल में अंधेरा दूर करने के लिए लाइट्स भी लगाई जाएगी।
छोटी काशी को शिवधाम बनाने के लिए विभाग ने प्रदेश सरकार को प्रपोजल बना कर भेजी है। बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा कर इसे धरातल पर उतारने के लिए मंजूरी दी है। -पंकज शर्मा, उपनिदेशक पर्यटन विभाग मंडी।
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