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    Mandi Cloudburst : 22 किमी पैदल चल आपदा से निकले थुनाग कालेज के छात्र, पीजी संचालक ने खाली करवा दिया था कमरा

    Updated: Thu, 03 Jul 2025 05:18 PM (IST)

    Mandi Cloudburst मंडी जिले के सराज में आपदा के दौरान थुनाग कॉलेज के छात्र तीन दिन तक फंसे रहे। कॉलेज और प्रशासन से मदद न मिलने पर वे 22 किमी पैदल चलकर सुंदरनगर पहुंचे। छात्रों ने बताया कि बिजली और नेटवर्क न होने से परिवार से संपर्क टूट गया था। पीजी संचालकों ने भी कमरा खाली करने को कहा।

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    22 किलोमीटर पैदल चलकर स्वजन के पास पहुंचे थुनाग कालेज के विद्यार्थी।

    जागरण टीम, सुंदरनगर। मंडी जिले के सराज में आई आपदा के दौरान राजकीय बागवानी एवं वानिकी महाविद्यालय थुनाग के छात्र-छात्राएं पूरी तरह प्रशासन व कालेज प्रबंधन की लापरवाही का शिकार हुए। तीन दिनों तक फंसे रहे छात्र जब कोई मदद नहीं मिली तो 22 किलोमीटर का कठिन सफर पैदल तय कर किसी तरह सुंदरनगर पहुंचे। इन बच्चों के साथ अभिभावकों का गुस्सा अब चरम पर है।

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    सुंदरनगर पहुंची छात्रा मोहनी सेन और उसके दो सहपाठियों ने बताया कि तीन दिन तक आपदा में फंसे रहने के दौरान न तो कालेज प्रबंधन ने हाल जाना, न ही प्रशासन ने कोई राहत पहुंचाई। बिजली व नेटवर्क बंद होने के कारण बच्चों का परिवार से 72 घंटे तक संपर्क नहीं हो सका। आखिरकार एक छात्रा मोबाइल सिग्नल पाने के लिए पहाड़ी पर चढ़ी और जैसे-तैसे अपने स्वजन को सूचित किया।सूचना मिलते ही स्वजन बच्चों को लेने कांढा पहुंचे और निजी वाहनों से उन्हें घर ले गए।

    पीजी संचालक ने कमरा खाली करने को कह दिया

    छात्रा ने बताया कि कई बच्चे अपने जाेखिम पर थुनाग में जगह-जगह भटकते रहे, लेकिन पूछने वाला कोई नहीं था। जहां वह शरण लिए थे, वहां भी कुछ समय बाद मकान मालिकों ने पीजी खाली करने को कह दिया। सबसे शर्मनाक पहलू तब सामने आया जब कुछ छात्राओं ने प्रशासनिक अधिकारी से घर लौटने की अनुमति मांगी। अधिकारी ने जवाब दिया कि अपनी मर्जी से जा सकते हो, लेकिन रास्ते में कुछ हो गया तो जिम्मेदार हम नहीं होंगे।

    22 किमी पैदल चलने के बाद कार सवार से ली लिफ्ट 

    इन बच्चों ने वीरवार तड़के बगस्याड़ होते हुए 22 किलोमीटर का पैदल सफर तय किया, फिर एक कार से सुंदरनगर पहुंचे। यहां से एक छात्र शिमला रवाना हो गया, जबकि अन्य अपने घरों की ओर चले गए। तीनों बच्चे मानसिक रूप से इतने आहत हैं कि उन्होंने कहा कि अब इस कालेज में पढ़ना मुश्किल है। अभिभावकों ने सरकार से मांग की है कि बच्चों को सुरक्षित स्थानों के कालेजों में शिफ्ट किया जाए।

    हमारे पास इन तीन छात्रों की कोई जानकारी नहीं है। बाकी सभी बच्चों को बसों से रेस्क्यू कर लिया गया है और सभी सुरक्षित हैं। हम लगातार जिला प्रशासन से संपर्क में हैं।

    -डा. मुनीश कुमार, कालेज डीन।