Mandi Cloudburst: अपने बच्चों से दूर, आपदा में प्रभावितों को ममता का सहारा दे रहीं मंडी की दो महिला अधिकारी
Mandi Cloudburst मंडी में आई आपदा के दौरान एसपी साक्षी वर्मा और एसडीएम स्मृतिका नेगी प्रभावित लोगों के लिए मददगार साबित हो रही हैं। वे अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। एक अनाथ बच्ची रीतिका जिसके माता-पिता बाढ़ में बह गए के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए स्मृतिका नेगी ने उसके नाम से एक खाता खोलने की योजना बनाई है।

मुकेश मेहरा, मंडी। आपदा में अपना घर, स्वजन और मां-बाप को खो चुके प्रभावितों को मंडी की महिला अधिकारियों की ममता का सहारा मिल रहा है। मंडी की पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा व एसडीएम स्मृतिका नेगी कर्त्तव्य को महत्व देते हुए राहत व बचाव में जुटी हैं। पुलिस अधीक्षक सराज में डटी हैं, तो एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी गोहर में।
एसपी साक्षी वर्मा का एक बेटा है, जबकि स्मृतिका नेगी का एक बेटा और बेटी। स्यांज में नौ माह की रीतिका जिसके मां-बाप इस बाढ़ में बह गए हैं, उसके उज्जवल भविष्य के लिए स्मृतिका नेगी आगामी कार्रवाई में लगी हैं। वहीं शनिवार शाम को स्योग में प्रभावितों के बच्चों को किताबें और कापियां बांटती देखी गईं।
दूसरी ओर थुनाग व अन्य बाढ़ग्रस्त इलाकों में पहुंची एसपी मंडी राहत कार्यों के पल-पल की जानकारी हासिल कर रही हैं। एसपी साक्षी वर्मा अपने बेटे को पूरा समय देती हैं, पर इस आपदा की घड़ी में उसे घर पर छोड़ आज उनकी ममता की छांव प्रभावितों को मिल रही है।
साक्षी वर्मा का कहना है कि उनके पास दो बड़ी जिम्मेदारियां है, एक मां और दूसरा कर्त्तव्य, लेकिन कर्त्तव्य पहले रहता है। दूसरी और एसडीएम स्मृतिका नेगी कहती हैं कि अब तो रात 10 बजे घर पहुंचती हूं। बच्चे भी सो जाते हैं, पर उनके चेहरे को देखकर थकान मिट जाती है।
रितिका के लिए राहत कोष बनाने की योजना
नौ माह की रितिका के मां-बाप इस बाढ़ में बह गए हैं। शनिवार को एसडीएम स्मृतिका नेगी जब उस बेटी से मिलीं, तो भावुक हो गईं। स्मृतिका बताती हैं उसके नाम का अलग से एक खाता खोलकर राहत देने की कोशिश की जाएगी, ताकि भविष्य में उसे दिक्कत न हो।
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