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    Mandi Cloudburst: करसोग में आपदा की रात गाय को बचाते बहे जीजा-साला, 100 KM दूर सतलुज में मिला एक का शव

    Mandi Cloudburst करसोग में 30 जून को बादल फटने से तीन लोग चपेट में आए थे। एक व्यक्ति का शव उसी रात मिल गया था जबकि कुटी निवासी ललित कुमार का शव आठ दिन बाद सतलुज नदी से बरामद हुआ। ललित कुमार अपने साले के साथ गोशाला में गाय बचाने गए थे और सैलाब में बह गए थे। निहरी पुलिस ने शव बरामद कर करसोग पुलिस को सौंपा।

    By Mukesh Kumar Edited By: Rajesh Kumar Sharma Updated: Tue, 08 Jul 2025 03:08 PM (IST)
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    करसोग से बाढ़ में बहे ललित कुमार का फाइल फोटो व इस जगह बाढ़ बहा ले गई थी।

    कुलभूषण वर्मा, करसोग। 30 जून की रात को करसोग में बादल फटने की घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया। करसोग में रात साढ़े 11 बजे के करीब दो स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं हुईं, जिसकी चपेट में तीन व्यक्ति आ गए, इनमें से दूसरा व्यक्ति भी मृत हालत में बरामद हुआ है। जबकि एक की तलाश अभी जारी है।

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    एक व्यक्ति का शव 30 जून की रात को ही बरामद कर लिया गया था, जबकि कुटी निवासी ललित कुमार का शव आठ दिन बाद घटनास्थल से 100 किलोमीटर दूर करला में सतलुज नदी से बरामद किया गया है। 

    साथ में बहे साले का नहीं कोई सुराग 

    41 वर्षीय ललित कुमार पुत्र टेक चन्द करसोग के कुटी गांव के निवासी थे। ललित कुमार खेतीबाड़ी कर परिवार का भरण पोषण कर रहा था। ललित कुमार भूमि लीज पर लेकर सब्जियां उगाते थे। वह आपदा के दिन साले के साथ गोशाला में बंधी गाय को बचाने के लिए गए थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ललित व उनका साला नाले में आए सैलाब में गोशाला सहित बह गए। 

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    निहरी पुलिस ने शव बरामद कर करसोग पुलिस को सौंपा

    स्थानीय लोगों ने सतलुज में शव को पानी में देख स्थानीय पुलिस को सूचित किया। निहरी पुलिस ने शव को सतलुज से निकालकर शिनाख्त के लिए स्वजन को बुलाया। शव की पहचान करने के बाद निहरी पुलिस ने शव को करसोग पुलिस के सुपुर्द कर दिया। नागरिक चकित्सालय करसोग में पोस्टमार्टम के बाद शव अंतिम संस्कार के लिए स्वजन को सौंप दिया गया है। अंतिम संस्कार में करसोग प्रशासन भी परिजनों को सांत्वना देने के लिए मौजूद रहा।