मंडी का मलोरी चौक बना हादसों का अड्डा, ट्रक और ट्रैवलर की टक्कर के बीच हुई; बाल-बाल बचे यात्री
मंडी के मलोरी चौक पर एक ट्रक और ट्रैवलर की टक्कर हो गई जिसमें 17 पर्यटक सवार थे। सौभाग्य से कोई घायल नहीं हुआ। स्थानीय लोगों की मांग पर प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग बनाया था लेकिन दुर्घटनाएँ जारी हैं। एनएचएआई ने पहले इसे बंद करने की कोशिश की थी। चौक पर बने एक खोखे को भी दुर्घटना का कारण माना जा रहा है।

जागरण संवाददाता, मंडी। मनाली-कीरतपुर फोरलेन पर मलौरी टनल के बाहर बना मलौरी चौक में हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे। मंगलवार रात को भी एक ट्रक और ट्रैवलर में टक्कर हो गई।
इसमें मनाली से दिल्ली जा रहे 17 पर्यटक सवार थे। गनीमत यह रही कि हादसे में कोई घायल नहीं हुआ। इस मामले में दोनों पक्षों में समझौता हो गया। बुधवार दोपहर को भी एक बाइक सवार बाल-बाल बच गया।
मंगलवार रात को ट्रैवलर चालक 17 के करीब सवारियों को दिल्ली छोड़ने जा रहा था। मलौरी टनल के बाहर मंडी शहर की ओर से आ रहा ट्रक फोरलेन पर प्रवेश किया तो ट्रैवलर चालक को जब एकदम ट्रक दिखा तो उसने सीधी टक्कर से बचने के लिए गाड़ी को मोड़ दिया इसके बावजूद गाड़ी का अगला हिस्सा ट्रक से जा टकराया।
इसके बाद अन्य ट्रैवलर बुलाकर सवारियों को दिल्ली भेजा गया। यहां पर पहले भी कई हादसे हो चुके हैं ओर कई लोग घायल हो चुके हैंे। एनएचएआई इसे बंद करना चाहता है लेकिन लोगों की मान के बाद प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था की थी, लेकिन यह भी घातक साबित हो रही है।
पहले हुई थी बंद करने की कार्रवाई
मलौरी चौक पर लगातार होते हादसों के कारण इसे बंद करने की कार्रवाई एनएचएआई ने शुरू की थी, लेकिन लोगों ने उपायुक्त के समक्ष मामला रखा और इसे बंद न करने का आग्रह किया। इसके बाद किनारे से सड़क बनाई गई लेकिन हादसे जारी हैं।
न कोई पुलिस कर्मी तैनात, खो-खो बना अवरोध
मंडी शहर से फोरलेन को जाने के लिए बनाई गई सड़क सीधे फोरलेन में मिलती है। वाहन चालकों की माने तो सुंदरनगर से आते वक्त जब गाड़ी मलौरी चौक के पीछे पहुंचते हैं तो चालक को मंडी से आने वाली गाड़ी यहां बने एक खोखे के कारण नहीं दिखती है। ऐसे में जब गाड़ी एकदम से सामने आती है तो हादसा हो जाता है। उन्होंने इस खोखे को भी हटाने की मांग की है।
मलौरी चौक पर प्रशासन के आग्रह के बाद मार्ग बनाया गया है। यह सुरक्षित है या नहीं देखा जा रहा है। हादसे नहीं रूके तो इसे बंद किया जाएगा। इसके लिए प्रशासन से भी बातचीत की जाएगी।
-वरुण चारी, निदेशक एनएचएआई, मंडी।
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