'सांसद बनकर मजा नहीं आ रहा, सड़क-नाली की समस्या लाते हैं लोग', हिमाचल में आपदा के बीच ये क्या बोल गईं कंगना रनौत
Kangana Ranaut अभिनेत्री से नेता बनीं कंगना रनौत ने स्वीकार किया कि वह राजनीति में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही हैं और अपने राजनीतिक कार्यकाल का पूर ...और पढ़ें

जागरण टीम, मंडी। Kangana Ranaut, हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में आई आपदा के बीच क्षेत्र की सांसद एवं अभिनेत्री कंगना रनौत का एक पाडकास्ट चर्चा में आया है। 2024 में हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र से भाजपा के लिए सांसद के रूप में जीत हासिल कर राजनीतिक करियर शुरू करने वाली कंगना ने स्वीकार किया है कि वह अभी भी राजनीति में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही हैं। साथ ही अपने राजनीतिक कार्यकाल का पूरी तरह से आनंद नहीं ले पा रही हैं।
कंगना ने यूट्यूब चैनल (AIR) Atman In Ravi पर पाडकास्ट के दौरान अपने राजनीतिक करियर के बारे में बात की। कंगना ने खुलासा किया कि उन्हें एक प्रस्ताव मिलने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें इसमें मजा आ रहा है, तो कंगना ने कहा, मुझे इसकी समझ आ रही है। मैं यह नहीं कहूंगी कि मुझे इसमें मजा आ रहा है। यह एक बहुत ही अलग तरह का काम है, समाज सेवा जैसा, लेकिन यह मेरा बैकग्राउंड नहीं रहा है। मैंने कभी लोगों की सेवा करने के बारे में नहीं सोचा।

कंगना ने कहा कि मैंने महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी है, लेकिन वो अलग बात है। लोग सड़क और नाली की समस्या लेकर उनके पास आते हैं। लेकिन मैं तो सांसद हूं और ये लोग पंचायत स्तर की समस्याएं लेकर मेरे पास आ रहे हैं।विधायक, टूटी सड़क जैसी समस्याएं लेकर आते हैं, और मैं उन्हें बताती हूं कि यह राज्य सरकार का मामला है तो वे कहते हैं, आपके पास पैसा है, आप अपना पैसा इस्तेमाल करें।

सामाजिक कार्य पृष्ठभूमि में ही नहीं
पाडकास्ट के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या वह एक दिन प्रधानमंत्री बनना चाहती हैं, तो कंगना ने जवाब दिया कि उन्हें नहीं लगता कि वह इस भूमिका के लिए पर्याप्त योग्य हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सामाजिक कार्य कभी उनकी पृष्ठभूमि में नहीं रहा। उन्होंने कहा कि उन्होंने बहुत स्वार्थी जीवन जिया है।

2024 में विक्रमादित्य के विरुद्ध जीता है चुनाव
कंगना रनौत ने भाजपा के टिकट पर मंडी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा और 2024 में जीत हासिल की। कंगना ने मंडी लोकसभा सीट पर अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ 74,755 मतों के अंतर से जीत हासिल की।

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