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सिविल सेवा परीक्षा में सफल रहे आइआइटी मंडी के दो पूर्व विद्यार्थी

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के पूर्व प्रशिक्षु अनिल झाझरिया व ललितेश मीणा ने लोक सेवा परीक्षा पास कर ली है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 07:19 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 07:19 PM (IST)
सिविल सेवा परीक्षा में सफल रहे आइआइटी मंडी के दो पूर्व विद्यार्थी
सिविल सेवा परीक्षा में सफल रहे आइआइटी मंडी के दो पूर्व विद्यार्थी

जागरण संवाददाता, मंडी : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के पूर्व प्रशिक्षु अनिल झाझरिया व ललितेश मीणा ने लोक सेवा परीक्षा में 431 व 689वां रैंक हासिल किया है। अनिल श्रीमाधोपुर (राजस्थान) के बस्सी के निवासी हैं। उन्होंने आइआइटी मंडी में कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिग में 2015 बैच में बीटेक की हैं। पढ़ाई के दौरान उन्होंने डाटा स्ट्रक्चर, एडवांस कंप्यूटर आर्किटेक्चर जैसे बेसिक और एडवांस कोर्स में पढ़ाई की है। अनिल ने कहा, आइआइटी मंडी में विभिन्न प्रकार के कोर्स हैं। इससे उन्हें न केवल प्रौद्योगिकी की पढ़ाई में दक्षता मिली बल्कि सामाजिक संवदेनशीलता भी बढ़ी, जो लोकसेवा के लिए अनिवार्य है। संस्थान के परिवेश में खुलापन और फ्री क्रेडिट बॉस्केट सिस्टम जैसी आजादी है। इससे उन्हें लोकसेवा परीक्षा की तैयारी करने में मदद मिली। वह वर्तमान में इंटरनल रेवेन्यू सर्विस आइटी में ऑफिसर ट्रेनी हैं। युवा उम्मीदवारों को अपने संदेश में उन्होंने कहा कि इंजीनियरिग की पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें और बेसिक ज्ञान का विकास करें। समाचार पत्र पढ़ने की आदत डालें। सुझावों के लिए बेहिचक अपने सीनियर और संस्थान के पूर्व विद्यार्थियों से संपर्क करें।

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वहीं ललितेश के. मीणा ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिग में 2015 बैच में बीटेक की हैं। पढ़ाई के दौरान उन्होंने मीणा ने पराशर हॉस्टल के मेस सेक्रेटरी आदि कई जिम्मेदारियों को संभाला। वह संस्थान के सालाना प्रौद्योगिकी-सांस्कृतिक समारोह एक्सोडिया 2014 में सुरक्षा टीम के मुख्य सदस्य थे। बकौल ललितेश, उनकी सफ लता में संस्थान का बहुत बड़ा योगदान रहा है। प्रो. भरत सिंह राजपुरोहित (इलेक्ट्रकिल इंजीनियरिग विभाग के प्रमुख) ने बहुत हौसला दिया जो अक्सर उन्हें पढ़ाई की प्रगति के बारे में पूछा करते थे। आने वाले समय में टेक्नोलॉजी सुशासन का मजबूत आधार बनेगी। यह न केवल कर लागू करने जैसी जटिल समस्याओं का समाधान करेगी बल्कि सेवा आपूर्ति का काम आसान, असरदार और कम लागत पर पूरा करेगी। कुशाग्र बुद्धि के मीणा पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों में भी कई सम्मान हासिल कर चुके हैं।


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