हिमाचल के मंडी में कचरा फैलाने वालों पर PCB का स्ट्रिक्ट एक्शन, IIT Mandi को थमाया नोटिस
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी कमांद अपने कचरे के निष्पादन का हल नहीं खोज पाया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निरीक्षण में कमांद के अनरेहड़ मार्ग पर कचरा डंप किया जा रहा था। आईआईटी ने दावा किया था कि कचरा नगर निगम को भेजा जाता है जिसका नगर निगम ने खंडन किया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आईआईटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

मुकेश मेहरा, मंडी। देश में तकनीकी विकास, पर्यावरण संरक्षण और उसके सुधार के लिए आए दिन शोध कर नई तकनीकें देने वाला भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी स्थित कमांद अपने ही कचरे के निष्पादन का हल नहीं खोज पाया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने जब औचक निरीक्षण किया तो कमांद के अनरेहड़ मार्ग पर इसे डंप किया जा रहा था और जलाया भी गया था। इस लापरवाही पर अब बोर्ड ने आईआईटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
वर्ष 2009 में बने आईआईटी मंडी के दो नोर्थ और साउथ कैंपस हैं। ऊहल नदी के किनारे 14 किलोमीटर में फैले इसके कैंपस से बड़ी मात्रा में सूखा, गीला, ई-कचरा, प्लास्टिक कचरे सहित ठोस पदार्थ कचरे के रूप में निकलते हैं। इसको अनरेहड़ में रखा जाता है, यहां इस कचरे को पृथक करने और संग्रहण की कोई व्यवस्था थी। मौके पर कचरे को जलाए जाने के निशान भी मिले।
हैरानी तो इस बात की है कि आईआईटी ने पहले दिए रिकॉर्ड में कहा था कि नगर निगम को यहां से कचरा भेजा जाता है, जबकि नगर निगम ने कहा कि उनकी कोई गाड़ी उस और नहीं जाती है। ऐसे में साफ है कि आईआईटी मंडी कचरा प्रबंधन को लेकर गंभीर नहीं है और उनकी लापरवाही के कारण क्षेत्र प्रदूषित हो रहा है।
ऐसे में यहां बहने वाली ऊहल नदी,सहित आस पास का पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आईआईटी को नोटिस जारी कर उत्तर मांगा है। जवाब संतोषजनक न होने पर संस्थान के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मंडी के प्रभारी विनय कुमार ने बताया कि आईआईटी मंडी के कचरा प्रबंधन को देखने के लिए औचक निरीक्षण किया गया था। इनका कचरा कमांद के अनरेहड़ नामक मार्ग के पास जाता है, लेकिन वहां पर इसके निष्पादन की उचित व्यवस्था नहीं दिखी। संस्थान को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
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