IIT मंडी यौन शोषण मामले में BOG ने प्रोफेसर को वॉर्निंग देकर छोड़ा, सर्विस रिकॉर्ड में दर्ज होगा मामला
आईआईटी मंडी में यौन शोषण के आरोपों से घिरे प्रोफेसर को बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) ने चेतावनी देकर छोड़ दिया है। छात्रा द्वारा लगाए गए आरोप जांच में सही पाए गए थे जिसके बाद बीओजी ने यह फैसला लिया। यह मामला प्रोफेसर के सर्विस रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा जिससे भविष्य में उनकी पदोन्नति और विदेशी असाइनमेंट में बाधा आ सकती है।

जागरण संवाददाता, मंडी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के यौन शोषण के आरोपित प्रोफेसर को बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) ने चेतावनी देकर छोड़ दिया है। यह मामला अब प्रोफेसर के सर्विस रिकार्ड में स्थायी रूप से दर्ज किया जाएगा।
भविष्य में प्रोफेसर पर दोबारा ऐसे आरोप लगे तो नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है। संस्थान की एक छात्रा ने कुछ माह पहले प्रोफेसर पर यौन शोषण और मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए मामला आंतरिक शिकायत समिति को जांच के लिए सौंपा था। जांच में छात्रा के आरोप काफी हद तक सही पाए गए थे।
समिति ने रिपोर्ट में प्रोफेसर द्वारा छात्रा के साथ किए गए व्यवहार को संस्थान के यौन उत्पीड़न संबंधी निर्देशों का उल्लंघन बताया था। मामला बीओजी को भेजा गया था। गत माह बोर्ड आफ गवर्नर्स ने आरोपित प्रोफेसर को चेतावनी देने के साथ यह निर्णय लिया है कि इस घटना का उल्लेख उनके सेवा रिकॉर्ड में दर्ज रहेगा।
संस्थान ने स्पष्ट किया है कि यह केवल चेतावनी भर नहीं है, बल्कि एक सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई मानी जाएगी जो भविष्य में किसी भी तरह की पदोन्नति, विदेशी असाइनमेंट में बाधा बन सकती है। इससे पहले भी एक प्रोफेसर को यौन शोषण के मामले में आइआइटी प्रबंधन बर्खास्त कर चुका है।
आईआईटी मंडी के रजिस्ट्रार डॉ. कुमार संभव पांडे ने कहा कि संस्थान किसी भी प्रकार की लैंगिक असमानता, उत्पीड़न या अनुचित व्यवहार के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति पर काम करता है। छात्राओं और महिला स्टाफ की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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